दिल्ली में पहली बार विधानसभा चुनाव साल 1993 में हुए थे. उस वक़्त ‘भारतीय जनता पार्टी’ ने सरकार बनाई थी. मदन लाल खुराना दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री थे. हालांकि, इन 5 सालों में साहिब सिंह वर्मा व सुषमा स्वराज भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. आज 27 साल बाद दिल्ली अपने 7वें विधानसभा चुनाव में पहुंच गया है. 

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1 -साल 1993 विधानसभा चुनाव 

दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 49 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को सिर्फ़ 14 सीटों पर जीत मिल पाई. जबकि 7 सीटें अन्य के खाते में गयीं. इस दौरान बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मदन लाल खुराना थे, जबकि कांग्रेस से शीला दीक्षित थीं. इस दौरान मदन लाल खुराना दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 61.75% रहा, बीजेपी का वोट प्रतिशत 47.82% रहा जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 34.48% था. 

2- साल 1998 विधानसभा चुनाव 

साल 1998 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी करते हुए 70 में से 52 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि बीजेपी 15 सीटें ही मिल पायीं. कांग्रेस से शीला दीक्षित मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थीं, तो बीजेपी से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार सुषमा स्वराज थीं. इस दौरान शीला दीक्षित पहली बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 48.9% रहा, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 47.76% रहा जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत 34.02% था. 

3- साल 2003 विधानसभा चुनाव 

साल 2003 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में आई. इस बार कांग्रेस को 1998 के मुक़ाबले पांच सीटों का नुक़सान हुआ. कांग्रेस ने 70 में से 47 सीटों जीत हासिल की, जबकि बीजेपी 20 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. इस दौरान कांग्रेस की शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा सीएम पद के उम्मीदवार थे. इस बीच शीला दीक्षित दूसरी बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 53.42% रहा, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 48.13% रहा जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत 35.22% था. 

4- साल 2008 विधानसभा चुनाव 

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार सत्ता में आई. कांग्रेस ने 70 में से 43 सीटों जीत हासिल की, जबकि बीजेपी 23 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. इस बार फिर से शीला दीक्षित के समक्ष बीजेपी से विजय कुमार मल्होत्रा सीएम पद के उम्मीदवार थे. लेकिन कांग्रेस की शानदार जीत के साथ ही शीला दीक्षित लगातार तीसरी बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 57.60% रहा, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.31% था, जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत 36.34% था. 

5- साल 2013 विधानसभा चुनाव 

साल 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक रहा. इस दौरान पहली बार दिल्ली में किसी तीसरी पार्टी (आम आदमी पार्टी) की सरकार बनी. बीजेपी को सर्वाधिक 34 सीटें, आम आदमी पार्टी को 28 सीटें, जबकि कांग्रेस को सिर्फ़ 8 सीटें ही मिल पायी थीं. इस दौरान ‘आप’ से अरविन्द केजरीवाल, बीजेपी से हर्षवर्धन जबकि कांग्रेस से शीला दीक्षित सीएम पद की उमीदवार थे. लेकिन कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन से अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 66.02% रहा. बीजेपी 33%, आप 29.5% जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 24.6% रहा. 

6- साल 2015 विधानसभा चुनाव 

साल 2015 के विधानसभा चुनाव ‘आम आदमी पार्टी’ ने इतिहास रचते हुए 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली तो कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पायी. इस दौरान ‘आप’ से अरविन्द केजरीवाल, बीजेपी से किरण बेदी जबकि कांग्रेस से अजय माकन मुख्यमंत्री पद के उमीदवार थे. लेकिन ‘आम आदमी पार्टी’ की ऐतिहासिक जीत के बाद अरविन्द केजरीवाल दूसरी बार सीएम बने. 

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कुल वोट प्रतिशत: इस दौरान कुल वोट प्रतिशत 67.47% रहा. आम आदमी पार्टी 54.3%, बीजेपी 32.3% जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 9.7% रहा. 

8 फ़रवरी को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हुए थे. 11 फ़रवरी को इसके नतीजे आने हैं. इस बार आप और बीजेपी के बीच कड़ा मुक़ाबला देखा जा सकता है. अब ये तो मंगलवार को ही पता चल पायेगा कि अरविन्द केजरीवाल ‘हैट्रिक’ मार पाते हैं की नहीं.