दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आम आदमी पार्टी’ ने एक बार फिर से शानदार जीत हासिल की है. साल 2015 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद ‘आम आदमी पार्टी’ ने इस बार भी शानदार जीत दर्ज की. इस दौरान ‘आप’ के सभी उम्मीदवारों ने शानदार प्रदर्शन किया. 

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शुरूआती रुझानों में ‘आप’ के कुछ उमीदवारों ने पिछड़ने के बाद आख़िरी चरणों में शानदार वापसी की. हालांकि, इस दौरान ‘बीजेपी’ के कुछ उम्मीदवारों ने उन्हीं टक्कर देने की कोशिश तो की, लेकिन वो ‘आप’ के उमीदवारों से कहीं पीछे रह गए. 

चलिए जानते हैं ‘आप’ के वो कौन से स्टार कैंडिडेट्स रहे जिन्होंने पिछड़ने के बावजूद शानदार वापसी करते हुए जीत हासिल की- 

1- मनीष सिसोदिया (पटपड़गंज) 

पटपड़गंज विधानसभा सीट काफ़ी हाईप्रोफ़ाइल सीट मानी जाती है. इस सीट से दिल्ली के उपमुख़्यमंत्री मनीष सिसोदिया उम्मीदवार थे. शुरुआती रुझानों में कभी मनीष सिसोदिया तो कभी बीजेपी के उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी आगे चल रहे थे. एक वक़्त ऐसा भी आया जब मनीष सिसोदिया काफ़ी पिछड़ चुके थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने रफ़्तार पकड़ी और बीजेपी उम्मीदवार से आगे निकलकर जीत हासिल की.   

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कौन हैं मनीष सिसोदिया? 

मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के कई अहम मंत्रालय हैं. शिक्षा मंत्री के तौर पर सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शक़्ल-सूरत ही बदल दी है. जो स्कूल पहले कूड़े के ढेर से भरे होते थे वो आज सुविधा के मामले में किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं हैं. यही कारण था कि पटपड़गंज सीट से उनकी उम्मीदवारी काफ़ी मज़बूत मानी जा रही थी. 

2- आतिशी मार्लेना (कालकाजी) 

कालकाजी विधानसभा सीट से ‘आम आदमी पार्टी’ की होनहार उम्मीदवार आतिशी मार्लेना के ख़िलाफ़ बीजेपी के धर्मवीर सिंह खड़े थे. इस सीट पर भी शुरुआती रुझानों में आतिशी काफ़ी पीछे चल रही थीं. एक वक़्त तो ऐसा भी आया जब बीजेपी के धर्मवीर सिंह ने 5 हज़ार से अधिक वोटों की बढ़त तक बना ली थी. ऐसा लग रहा था मानो आतिशी ये सीट हार जाएंगी, लेकिन इसके बाद उन्होंने पीछे मड़कर नहीं देखा. वर्तमान में आतिशी इस सीट से क़रीब 11300 से अधिक वोटों से मात दी. 

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कौन हैं आतिशी मार्लेना? 

आतिशी मार्लेना ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री धारक हैं. दिल्ली के एज्युकेशन सिस्टम को मज़बूत बनाने के पीछे आतिशी का अहम योगदान रहा है. ख़ुद मनीष सिसोदिया उन्हें इस कार्य के लिए श्रेय दे चुके हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनके शानदार कार्य की वजह से ही उन्हें साल 2019 लोकसभा चुनाव में टिकिट मिली थी, लेकिन जीत नहीं पायी.   

3- अमानतुल्लाह ख़ान (ओखला) 

अमानतुल्लाह ओखला विधानसभा सीट से आप के उम्मीदवार थे. चुनाव प्रचार के दौरान चर्चाओं में रहा ‘शाहीन बाग़’ क्षेत्र ओखला विधानसभा के अंतर्गत ही आता है. शुरुआती रुझानों में अमानतुल्लाह को इस सीट पर बीजेपी के ब्रहम सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही थी. चौथे राउंड तक वो ब्रहम सिंह से लगातार पिछड़ते रहे, लेकिन इसके बाद उन्होंने जब़रदस्त वापसी की. इसके बाद उन्होंने इस सीट पर न सिर्फ़ जीत हासिल की, बल्कि ब्रहम सिंह को क़रीब 91083 वोटों से पटखनी भी दी. 

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कौन हैं अमानतुल्लाह ख़ान? 

अमानतुल्लाह मुस्लिम बाहुल ‘शाहीन बाग़’ (ओखला विधानसभा क्षेत्र) से ‘आप’ के विधायक हैं. 46 वर्षीय अमानतुल्लाह इस इलाके में बड़े मुस्लिम प्रतिनिधि के तौर पर जाने जाते रहे हैं. अमानतुल्लाह इससे पहले साल 2015 विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी के ब्रहम सिंह को 64,532 वोटों से हरा चुके हैं. 

‘आम आदमी पार्टी’ के सभी उम्मीदवारों को इस शानदार जीत के लिए शुभकामनायें.