किसी भी काम को करने के लिए उम्र की नहीं, जुनून की ज़रूरत होती है. अगर जुनून हो तो दुनिया का हर मुश्किल काम आसान लगने लगता है, लेकिन चीज़ें तब मुश्किल होने लगती हैं जब आप कुछ ऐसा काम करने लगते हैं, जो असंभव हो या जिसके लिए आप बने ही न हों.

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आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो है तो महज 3 साल की, लेकिन उसके हौसले देखकर आप भी हैरान रह जायेंगे. जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल और चल भी नहीं पाते हैं, उस उम्र में चेन्नई की पी.संजना ने ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाकर न केवल देश को, बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है.

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जरा सोचिए कि तीन साल की छोटी सी उम्र में भला एक बच्चे से कोई क्या उम्मीद रख सकता है, लेकिन संजना ने साढ़े तीन घंटे में टारगेट पर 1,111 तीर मारकर ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करा लिया है.

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इतनी कम उम्र में संजना ने टारगेट पर सभी निशाने 8 मीटर की दूरी से लगाए. इस दौरान सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये रही कि इस मासूम बच्ची के पैर में चोट लगने के बावजूद उसने हार नहीं मानी और अपना टारगेट सफ़लतापूर्वक पूरा किया. इस रिकॉर्ड को बनाने के दौरान संजना ने हर घंटे में केवल 5 मिनट्स के तीन ब्रेक लिये.

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संजना के पिता प्रेमनाथ चेन्नई के एक सरकारी हॉस्पिटल में काम करते हैं, जबकि मां ग्रहणी हैं. इतनी कम उम्र में संजना की तीरंदाजी में रुचि देखते हुए उसके पेरेंट्स ने उसको तीरंदाज़ी सिखाने का फ़ैसला लिया.

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ये कमाल दिखाने के बाद इस छोटी सी तीरदांज ने कहा कि, उसका लक्ष्य देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है.

संजना के पिता ने भी कहा कि संजना में काफ़ी क़ाबिलियत है मुझे पूरा विश्वास है कि वो एक दिन भारत का ओलंपिक में प्रतिनिधित्व ज़रूर करेगी.

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संजना के कोच शिहान हुसैनी ने बताया कि, दो घंटे बाद वो काफ़ी थक चुकी थी, बावजूद इसके उसने हार नहीं मानी. ये उसकी दृढ़ इच्छा का ही नतीजा है कि उसने ये कमाल कर दिखाया है. जब संजना के पेरेंट्स उसको मेरे पास लाये थे, तो मैं उसको देखते ही समझ गया था कि उसके अंदर कुछ तो अलग है.

संजना के इस हैरतअंगेज़ कारनामे के बाद सोशल मीडिया पर लोग उसकी ख़ूब तारीफ़ कर रहे हैं.