श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय नये लेबर कोड्स लाने पर काम कर रहा है. News18 की रिपोर्ट के अनुसार, इन कोड्स के मुताबिक़ हफ़्ते के चार दिन ही वर्किंग होंगे और स्टेट इंश्योरेंस के ज़रिए वर्कर्स का मुफ़्त मेडिकल चेक-अप भी होगा.
हालांकि हफ़्ते में 48 घंटे काम करने होंगे. इसका मतलब ये है कि हफ़्ते के 4 दिन के वर्किंग घंटे बढ़ेंगे.
श्रम एवं रोज़गार सेक्रेटरी अपूर्वा चंद्रा ने बीते सोमवार को बताया कि कंपनियां वर्कर्स की सहमति से 3 दिन का पेड लीव और 4 दिन के लिए 12 घंटे काम करवा सकती हैं.
अपूर्वा चंद्रा ने ये कहा कि कई कंपनियों ने 4 दिन वर्किंग करने की इच्छा ज़ाहिर की थी. चंद्रा ने ये भी कहा कि ऐसा बिल्कुल हो सकता है कि कुछ कंपनियां 5 दिन वर्किंग करना चाहे. चंद्रा ने ये साफ़ कर दिया कि जो कंपनियां 4 दिन और 12 घंटे प्रति दिन काम करवाएंगी उन्हें अगले 3 दिन की छुट्टी देनी ही होगी.
कंपनियों के पास ये निर्णय लेने का अधिकार होगा कि वो 4, 5 या 6 दिन वर्किंग करवाना चाहती हैं. चंद्रा का कहना था कि यूनियन इसका विरोध तभी करेंगे जब कंपनी 4 दिन वर्किंग के बाद 3 दिन की छुट्टी न दे.
नये लेबर कोड्स अपने आख़िरी स्टेज पर हैं. Business Today की रिपोर्ट के अनुसार नये लेबर क़ानून में हायरिंग और फ़ायरिंग आसान होगी. यूनियन 60 दिन पहले नोटिस दिए बिना स्ट्राइक नहीं कर सकते. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे कर्मचारियों का भविष्य संकट में पड़ सकता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मिलेनियल्स नये क़ानून से ख़ुश होंगे क्योंकि वे फ़्लेक्सिबल एम्पलॉयमेंट टर्म्स चाहते हैं.
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