झारखंड के झरिया क्षेत्र में एक रिक्शा चालक की गत शनिवार मृत्यु हो गई. मृतक के घरवालों का आरोप है कि वैद्यनाथ रविदास की मृत्यु भूख से हुई है.

वैद्यनाथ की पत्नी का कहना है कि उसने पिछले 2-3 दिनों से कुछ नहीं खाया था.

घरवालों का बयान ज़िला प्रशासन के बयान से बिल्कुल अलग है. सोशल मीडिया पर ख़बर वायरल होने पर धनबाद ज़िले के डिप्टी कमीश्नर ने तुरंत जांच के आदेश दिये.

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डिप्टी कमीश्नर ने बताया,

मृतक पिछले 1 महीने से बीमार था. मृत्यु की ख़बर सुनकर हमने इस पूरे मामले की जांच करवाई और पाया कि उसकी मृत्यु का कारण लंबी बीमारी है.

डिप्टी कमीश्नर ने मृतक के परिवार को 20 हज़ार रुपये और 50 किलोग्राम अनाज देने के आदेश दिए.

वैद्यनाथ के परिवार के पास दवाई खरीदने के भी पैसे नहीं थे. मृतक ने अक्टूबर के दूसरे हफ़्ते में राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया था. गौरतलब है कि पूरे परिवार के पास आधार कार्ड भी था.

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कुछ दिनों पहले झारखंड के सिमडेगा में भी 11 साल की बच्ची की भूख से मौत हो गई थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ये आरोप लगाया था कि पीडीएस वालों ने उन्हें राशन नहीं दिया था क्योंकि उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक्ड नहीं था.

International Food Policy Research ने Global Hunger Index 2017 रिपोर्ट में 119 देशों में भारत को 100वां स्थान दिया है. पिछले साल भारत को 96वां स्थान दिया गया था. आज़ादी के इतने सालों बाद भी आज भी देश में भुखमरी के बहुत बड़ी समस्या है.

Source: HT

Feature Image: The Statesman(For representative purpose)