देश इस वक़्त कोरोना महामारी की चपेट में है. वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया, लेकिन इसके चलते कई तरह की परेशानी उठानी पड़ रही हैं. सबसे ज़्यादा मुसीबतों का सामना प्रवासी मज़दूरों को करना पड़ रहा है.
हाल ही में मुंबई से वाराणसी आ रही श्रमिक ट्रेन में एक 45 वर्षीय व्यक्ति की भूख से मौत हो गई. सामान्य दिनों में इस ट्रेन को महज़ 24 घंटे लगते थे, लेकिन इस बार इस दूरी को कवर करने में 60 घंटे का समय लग गया.
परिवार ने रास्ते में खाने का इंतज़ाम किया था, लेकिन सफ़र में ज़्यादा समय लगने के कारण, उनके पास खाने को कुछ भी नहीं बचा. 1.5 दिन तक वो भूखे रहे. ऐसे में मृतक के भतीजे ने प्रधानमंत्री और रेलवे को ट्वीट किया. IRCTC ने उन्हें अगले स्टेशन पर खाना देने का वादा किया लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ.
रिपोर्टर साहिल मुरली मेंघानी के मुताबिक़, मृतक ने हाल ही में एंजियोप्लास्टी करवाई थी. उसे दवाईंया लेनी पड़ती थीं. परिवार के पास खाने को कुछ नहीं था, ऐसे में शख़्स ने सिर्फ़ बिस्कुट खाकर छह गोलियां खा लीं.
#VERIFIED
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) May 28, 2020
👉12th story of my investigation-#OperationShramikTrains
👉Migrant dies in train from Mumbai to UP. A 24 hour train took 60+ HOURS with NO food by railways
👉’Uncle took 6 medicines with BISCUITS’
👉His nephew tells me how he helplessly witnessed his uncle die
1/2 pic.twitter.com/tOJTjo8EVy
भतीजे ने साहिल को बताया कि, अगर उन्हें पता होता कि यात्रा इतनी लंबी होने वाली है, तो वो कभी ट्रेन में नहीं चढ़ते. उन्होंने दावा कि पूरे सफ़र के दौरान उन्हें एक बार भी खाना नहीं दिया गया. सिर्फ़ एक स्टेशन पर कुछ यात्रियों को पानी दिया गया! स्थिति इतनी भयावह थी कि कोई भी भूख से बोल नहीं पा रहा था.
बता दें, ट्वीट करने के 8 घंटे बाद ही शख़्स की मौत हो गई.