देश में बढ़ रही भीड़ द्वारा हत्याओं (मॉब लिंचिंग) और धर्म के नाम पर बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए 49 बुद्धिजीवियों, कलाकारों और सेलेब्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भेजी है.


हस्तक्षार करने वालों में रामचंद्र गुहा, अपर्णा सेन, केतन मेहता, मणि रत्नम, श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, रेवती, कोंकणा सेन शर्मा जैसी हस्तियां शामिल हैं.  

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‘शांतिप्रिय और गर्वित भारतीय होने के नाते, बीते कुछ दिनों में देश में हुई भयंकर और दुखद घटनाओं से चिंतित हैं.


संविधान में देश को धर्म निरपेक्ष समाजवादी लोकतांत्रिक गणराज्य कहा गया है जहां हर धर्म, जेंडर और जाति के लोग एक समान हैं.’  

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चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी के सामने मूलत: 2 बातें रखी गईं

1. मुस्लिम, दलितों और अल्पसंख्यकों की लिचिंग बंद हो. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से अब तक दलितों के साथ अत्याचार के 840 मामले सामने आए हैं. 


1 जनवरी, 2009 से 29 अक्टबूर 2018 के बीच धर्म के नाम पर हिंसा और नफ़रती व्यवहार के 254 मामले सामने आए हैं. इनमें से 62% मामले मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हैं. 

2. बिना मतभेद, अहसमति के कैसा गणतंत्र? सरकार से मतभेद होने पर या अपने विचार रखने पर लोगों को ‘एंटी-नेशनल’, ‘अर्बन नक्सल’ नहीं कहा जाना चाहिए. संविधान का अनुच्छेद 19 किसी को भी अपनी बात रखने का अधिकार देता है. 


सत्ता पार्टी का विरोध देश का विरोध नहीं है.  

चिट्ठी पर इन 49 लोगों ने हस्ताक्षर किए.

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इस चिट्ठी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पीएमओ का कोई बयान नहीं आया है.

अभिनेता को मिली जान से मारने की धमकी 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले अभिनेता, कौशिक सेन को जान से मारने की धमकी वाला फ़ोन आ चुका है.  

Asianet News
बुधवार को मुझे एक अनजान नंबर से फ़ोन आया. मुझसे कहा गया कि अगर मैंने लिचिंग के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना बंद नहीं किया तो अंजाम बुरा होगा. मुझ से कहा गया कि अगर मैंने अपने तरीके नहीं बदले तो मुझे मार दिया जाएगा. 

-कौशिक सेन

इस चिट्ठी पर राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ये कहा

उनके पास प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने का हक़ है. कहां है असहिष्णुता? ये तो हद ही हो गई. किस असहिष्णुता की बात कर रहे हैं ये लोग? क्या किसी को जेल हुई? क्या उनमें से किसी को ऐसे जुर्म की सज़ा दी गई जो उन्होंने किया ही नहीं था? मैं समझ रहा हूं अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर ध्यान खींचने का ये नया फ़ैशन बनता जा रहा है. इसके पीछे सोची-समझी साज़िश है. अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो बिना पढ़े ही वो चिट्ठी कचरे में डाल देता. 

-सुब्रमण्यम स्वामी

Financial Express

मोदी जी को लिखी चिट्ठी पर यूनियन मंत्री, मुख़्तार अब्बास नक़्वी ने कहा कि मोदी जी की जीत से कुछ लोग अभी तक डिप्रेशन में हैं. इस देश में दलित और मुस्लिम सुरक्षित हैं. इन लोगों ने ‘अवॉर्ड वापसी’ का दूसरा सत्र निकाला है.  

मीडिया से बात करते हुए अभिनेत्री अपर्णा सेन ने कहा, 

‘लिंचिंग एक घिनौना अपराध है. जो सज़ा हत्या के लिए दी जाती है वो लिंचिंग के लिए क्यों नहीं दी जाती? प्रधानमंत्री इस देश में सर्वोच्च हैं. हम और किसके पास जाते?’ 

-अपर्णा सेन

Live Hindustan

आप और हम भले ही आंखें मूंदकर बैठे रहें, पर सच तो यही है कि ‘जय श्री राम’ बोलकर लोग हिंसा कर रहे हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम पर हत्याएं की जा रही हैं. प्रेम से बोले जाने वाले ये शब्द डर का माहौल पैदा करने के लिए भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि लिचिंग पर भी NRC जैसा सख़्त से सख़्त क़ानून बनाया जाएगा.