कुछ दिनों में पूरा देश 70वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इसके लिए देश के कोने-कोने में तैयारियां ज़ोंरो-शोरों से हो रही हैं. वहीं दूसरी तरफ़ यूपी के एक गांव के 50 युवक इस दिन का इंतज़ार इसलिए कर रहे हैं ताकी वो ख़ुद को नीलाम कर सकें.

हाथरस ज़िले में मौजूद इस गांव का नाम है नगला माया. प्रशासन इस गांव में आज़ादी के 72 साल बाद भी पीने का पानी मुहैया नहीं करवा पाया है. तमाम कोशिशों और शिकायतों के बाद भी जब बात नहीं बनी तब गांव के 50 युवकों ने ये रास्ता चुना.

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नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव के युवक पानी की कमी को दूर करने लिए आने वाली 26 जनवरी को ख़ुद को नीलाम करेंगें. इस नीलामी के बाद जो पैसा इकट्ठा होगा, उसका इस्तेमाल गांव में पानी की व्यवस्था करने के लिए किया जाएगा.

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इसके लिए गांव वालों ने पोस्टर्स और बैनर भी तैयार कर लिए हैं. इतना ही नहीं, इस दिन ये सभी युवक भूख हड़ताल भी करेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस गांव के साथ ही ज़िले के तकरीबन 61 गांव और भी हैं, जो पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं. इन गांवों का भूजल पीने के योग्य नहीं है और प्रशासन यहां पीने के पानी का कनेक्शन तक नहीं लगवा पाया.

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पानी लाने के लिए लोगों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इसका असर लोगों के जीवन पर भी पड़ रहा है. कई युवक अपनी नौकरी छोड़कर इस गांव में रहने को मजबूर हैं. ताकी वो अपने बूढ़े मां-बाप के लिए पानी की व्यवस्था कर सकें.

इस बारे में जब हाथरस के ज़िलाधिकारी रामशंकर मौर्या से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘इन गांवों में पीने के पानी की समस्या से वो वाकिफ़ हैं. इस संदर्भ में प्रशासन ने सरकार को दो अलग-अलग प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं लेकिन इन प्रस्तावों पर कोई भी रूचि लेने के लिए तैयार नहीं है. हमारे स्तर से कुछ भी पेंडिंग नहीं है. बजट आते ही हम काम शुरू कर देंगे.’
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कितनी शर्मनाक बात है. एक तरफ़ तो हम विश्वगुरू बनने का सपना देख रहे हैं और दूसरी तरफ़ अपने देश के लोगों को पीने का पानी भी मुहैया नहीं करा सकते.