ख़ोजकर्ताओं के एक समूह ने 15-16वीं शताब्दी के एक प्राचीन मंदिर को ढूंढ निकाला है, जो दशकों से जलमग्न था. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने दावा किया है कि उन्होंने कटक महानदी में एक प्राचीन जलमग्न मंदिर की ख़ोज की है.

INTACH के प्रोजेक्ट असिस्टेंट दीपक कुमार नायक के कई प्रयासों के बाद मंदिर का सफ़लतापूर्वक पता लगाया जा सका. जलमग्न मंदिर की चोटी कटक के पास पद्मावती क्षेत्र में बागेश्वर के पास बीच नदी में मिली.

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मंदिर के मस्तक की निर्माण शैली और निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि 60 फ़ीट ऊंचा ये जलमग्न मंदिर 15वीं शताब्दी के अंत या 16वीं शताब्दी के प्रारंभ का है. रिपोर्ट्स के अनुसार मंदिर का स्थान पहले से ज्ञात था और ये गर्मियों में दिखाई देता था. इसे 11 साल पहले अंतिम बार देखा गया था. INTACH ने पिछले साल की शुरुआत में महानदी घाटी की विरासत के डॉक्यूमेंटेशन पर अपनी परियोजना शुरू की थी. 

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स्रोत से समुद्र तक लगभग 1700 KM की दूरी तय करने वाली महानदी के रास्ते में पड़ने वाली सभी विरासतों का सर्वेक्षण पूरा होने के अंतिम चरण में है. जिन 800 स्मारकों का डॉक्यूमेंटेशन किया गया है उनकी रिपोर्ट कई भागों में अगले साल की शुरुआत में जारी की जाएगी. INTACH के राज्य संयोजक अमिय भूषण त्रिपाठी का कहना है कि यह भारत में किसी भी नदी पर किया गया अपनी तरह का पहला अध्ययन होगा और यह INTACH का पायलट प्रोजेक्ट है.

इस तरह के प्रोजेक्ट हमारी विरासत को संजोने के लिए बहुत ज़रूरी हैं.