पिछले कई महीनों से ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग की वजह से पहले ही करोड़ो जानवरों को जान जा चुकी है. मगर इसके अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया में कुछ और भयानक भी घट रहा है, जिसके बारे में हमें गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है और ख़ुद से सवाल करने की भी कि आख़िर हम किस दिशा में जा रहे हैं? 

दरअसल, Anangu Pitjantjatjara Yankunytjatjara Lands यानी कि APY के आदिवासी नेताओं ने बीते दिनों दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में सूखे की चपेट में आए इलाकों में पानी की कमी से निपटने के लिए 10,000 जंगली ऊंटों को मारने की बात कही थी. 

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हाल ही अधिकारीयों द्वारा न्यूज़ एजेंसी AFP को दिए गए एक बयान में बोला गया था कि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में हेलीकॉप्टर से कुछ प्रोफ़ेशनल शूटर्स ने बीते 5 दिनों में 5,000 से भी ज़्यादा ऊंटों को मार दिया है. 

“भूमि के रखवाले होने के नाते, हमें इन जानवरों से कुछ इस तरह निपटने की ज़रूरत है कि सभी के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी रहें और सभी की ज़िंदगी, हमारे बच्चों, बूढ़ों और वनस्पति- जीव सुरक्षित रहें.” 

वहां के अधिकारीयों का कहना है कि ऊंट पानी की तलाश में घरों के आस-पास आ जाते हैं और तहस-नहस कर के चले जाते हैं. बूढ़े और कमज़ोर होने के कारण कुछ ऊंट अधिकतर पानी की नाली में ही फंस कर मर जाते हैं. जिससे की पानी दूषित हो जाता है और स्थानीय लोगों एवं पक्षियों के लिए कुछ नहीं बचता है. 

ऊंटों को पहली बार सन 1840 में ऑस्ट्रेलिया लाया गया था. बीतें छह दशकों में भारत से 20,000 से अधिक ऊंटो को भी इम्पोर्ट किया गया है.