हमारे देश में आये दिन कई चीज़ों पर बैन लगता है और वो चीज़ बाज़ार में चोरी-छिपे बिकने लगती है, लेकिन कुछ दिन बाद वही चीज़ खुलेआम धड़ल्ले से बिकने लगती है. इसी तरह कई महीनों पहले देश में प्लास्टिक बैग्स पर भी बैन लगा था. हमारी सरकार ने लोगों को प्लास्टिक की थैली का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए कई घोषणाएं की हैं, लेकिन इसके बावजूद इसके उपयोग में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आज भी हर जगह प्लास्टिक बैग्स में ही सामान बिक रहा है. इस तरह के नियम बनाना एक बात है और उसको अपनाना और उस पर अमल करना एक बात.

लेकिन गोवा सरकार ने इस पर अमल भी किया कर इसको लागू भी किया. ऐसा लगता है कि गोवा राज्य सरकार अपने नए कानून की मदद से पर्यावरण को प्लास्टिक के कचरे छुटकारा दिलाने के लिए सही रास्ते पर है.

जी हां, याद रखिये कि अगर आप गोवा में हैं, और आप वहां पर प्लास्टिक का बैग यूज़ करते हैं, तो आप पर ₹5,000 लग सकता है और आप इससे बच नहीं सकते हैं.

गोवा राज्य सरकार ने पर्यावरण पर पड़ने वाले प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के चलते प्लास्टिक बैग का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. गोवा सरकार के अनुसार, इसी साल जुलाई से अगर कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक बैग बेचता या खरीदता पाया गया तो उसे जुर्माना अदा करना होगा. इसके लिए उस व्यक्ति को 5000 रुपये का जर्माना अदा करना होगा.

इतना ही नहीं, राज्य में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर ही प्रतिबंध और जुर्माना नहीं लगाया है, बल्कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक के बैग में कूड़ा या रैपर फेंकता हुआ पकड़ा जाएगा, तो उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा है.

सरकार के इस नए कानून के मुताबिक, दुकानदारों और विक्रेताओं को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक बैग प्रदान करने के लिए खुद को पंजीकृत कराना ज़रूरी होगा. फिलहाल, Goa Biodegradable Garbage (Controlled) Act 1996 के तहत, राज्य ने 40 माइक्रोन के नीचे प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

निश्चित रूप से ये एक अच्छी शुरुआत है और हम आशा करते हैं कि देश के अन्य राज्यों की सरकारें भी इस पर अमल करेंगी और इसका पालना करेंगी.

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