रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध की श्रेणी में आता है. लेकिन भारत में शायद ही इस बात कोई गंभीरता से लेता हो. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले 12 महीने में 51 फ़ीसदी भारतीयों ने अपना काम करवाने के लिए रिश्वत दी है. हां ये सच है और हमारी बात पर यक़ीन न हो तो India Corruption Survey 2019 पर एक नज़र डाल लीजिए. 

Transparency International India द्वारा 20 राज्यों में कराए गए इस सर्वे में सामने आया है कि हर दूसरे भारतीय ने अपने काम को करवाने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है. सर्वे के मुताबिक, सबसे अधिक घूस प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में दी जाती है. 

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सर्वे में लगभग 2 लाख लोग शामिल हुए थे. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल रिश्वत देने के मामलों में 10 फ़ीसदी गिरावट देखने को मिली है. लेकिन ये साल 2017 से 6 प्रतिशत अधिक है, उस साल ये आंकड़ा 45 फ़ीसदी था.   

India Corruption Survey 2019 में ये भी सामने आया है कि 16 फ़ीसदी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना रिश्वत दिए भी अपना काम करवा लेते हैं. दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा में भ्रष्टाचार के सबसे कम मामले सामने आए हैं. 

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वहीं राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में सबसे अधिक रिश्वत देने के मामले सामने आए हैं. इस सर्वे के मुताबिक, भ्रष्टाचार के लिए सबसे ज़्यादा कैश का ही इस्तेमाल किया गया है.   

6 राज्यों के लोगों का मानना है कि पुलिस विभाग सबसे अधिक करप्ट हैं. वहीं मध्य प्रदेश के लोगों का कहना है कि वहां का नगर निगम विभाग सबसे अधिक रिश्वत लेता है.   

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सर्वे में शामिल 64 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें रिश्वत देने के लिए मज़बूर किया गया. 82 फ़ीसदी लोगों का मानना है कि सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाए हैं वो पर्याप्त नहीं हैं. 

61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसकी रिपोर्ट के लिए उनकी राज्य सरकार ने कोई हेल्पलाइन नंबर भी नहीं उपलब्ध करवाया है. 

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