देश में जवानों का महत्व इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि वो हमारी रक्षा करते हैं. मगर उनकी सुरक्षा और अनुशासन के लिए कौन जवाबदेह है? रविवार को अचानक सीआरपीएफ के 205 कोबरा बटालियन के 59 ट्रेनी जवान गायब हो गए. ये घटना मुगलसराय स्टेशन पर हुई. सूत्रों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह सभी तैनाती के लिए जम्मू-सियालदाह एक्सप्रेस से गया जा रहे थे.

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फ़िलहाल जवानों के गायब होने के पीछे की सच्चाई भी सामने आ गई है. सीआरपीएफ के मुताबिक, इन जवानों को 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए श्रीनगर भेजा गया था. इसके बाद इन्हें 29 जनवरी को बिहार में गया के सीआरपीएफ कैंप में तैनात होना था. ट्रेनिंग खत्म होते ही ये जवान श्रीनगर से गया जाने के लिए सियालदह एक्सप्रेस में बैठकर मुगलसराय के लिए निकले, लेकिन गाड़ी मुगलसराय पहुंची तो इन्होंने बिना किसी को बताए घर जाने का फ़ैसला कर लिया और वहीं  उतर गए. जैसे ही इस मामले की जानकारी सीआरपीएफ को मिली, तो हर जगह हड़कंप मच गया था कि सभी जवान अचानक कहां गायब हो गए. 

ये सभी जवान CoBRA से यानि Commando Battalion for Resolute Action से ताल्लुक़ रखते हैं. सैन्य अधिकारियों के अनुसार, ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद इन्हें नक्सल ऑपरेशन के लिए भेजा जाना था. इनकी ट्रेनिंग जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में पूरी हुई है.

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आपको बता दें कि ये सभी पैरा कमांडोज़ हैं. कुछ अधिकारी पहले भी मान रहे थे कि ये अपने घर जा सकते हैं. ज़्यादातर कमांडोज़ का घर बिहार और उत्तर प्रदेश में पड़ता है.

CRPF के जनरल डायरेक्टर के. दुर्गा प्रसाद ने TOI को बताया कि उन्होंने इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी का आदेश दिया है.

यह जवान क्यों और कैसे गायब हुए, इसका पता चलने के बाद सबको थोड़ी राहत मिली है. सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा जान-बूझकर किया गया है, तो इस मामले में सजा के तौर पर अधिकतम एक महीने की सैलरी काटी जा सकती है.

ख़ैर, ये एक गंभीर घटना है, जिसने सीआरपीएफ में जारी अनुशासन और नियम पर कई सवाल खड़े किए हैं.