आमतौर पर एक मां अपने बच्चे की देखभाल करती नज़र आती है. लेकिन कर्नाटक से एक ऐसे तस्वीर आई है, जिसमें एक बच्ची अपनी मां का ख़्याल रखती दिखाई दे रही है. अपनी मां की देखभाल एक मां की तरह करती इस छोटी सी बच्ची की तस्वीरें देखकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी.
तस्वीरों में दिखाई दे रही इस बच्ची का नाम है भाग्यश्री, जो 6 साल की है. स्कूल जाने की उम्र में वो अपनी मां ख़्याल रखने की कोशिश कर रही है. उसकी मां कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती है.
पिछले कई दिनों से भाग्यश्री की मां बीमार हैं. उनका इलाज कराने और खाना खिलाने के लिए भाग्यश्री ने अस्पताल में ही लोगों के सामने हाथ फैलाने शुरू कर दिए. बच्ची के पिता नहीं हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी कमज़ोर है. बच्ची का कहना है कि, वो अपनी मां को ठीक करने के लिए ऐसा कर रही है.
Koppal: A 6-year-old girl has been begging since the past week to feed her mother who is admitted to a hospital after she fell ill due to alcoholism. State Women & Child Welfare Department will now pay for the medical treatment of the woman & the education of the girl. #Karnataka pic.twitter.com/sdAeljrbOh
— ANI (@ANI) May 28, 2019
लोगों ने जब पूरी बात समझी, तो कुछ लोग उसकी मदद को सामने आए. सोशल मीडिया पर भी लोग इस बच्ची की तारीफ़ कर रहे हैं और उसकी सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं. आप भी देखिए:
@CMofKarnataka please provide some help.
— प्रतीक सिंह (@prateek727singh) May 28, 2019
Contact @KanchanGupta I think He will provide financial help
— ¯_(ツ)_/¯ (@C0d3rr0r) May 28, 2019
Beti….
— Manasi Parida (@ManasiParida) May 28, 2019
Why not post their Bank details, so that we can donate some money ?
— Zafreen Khan (@zafk19) May 28, 2019
Many People are like Earning in crores living a luxury life but doing social welfare in a resonable way. They should come forward in a larger way. Hospital doctors also earning in lakhs .They also could help the patient.@narendramodi
— Pankaj (@rathipankaj9) May 28, 2019
इस तस्वीर के सामने आने के कुछ समय बाद राज्य के महिला और बाल कल्याण विभाग ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने महिला के इलाज और बच्ची की पढ़ाई का ज़िम्मा उठाने का ऐलान किया है.
इस बहादुर बेटी की जितनी प्रशंसा की जाए कम है.