यूपी के देवरिया ज़िला अस्पताल से राज्य के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलता एक वीडिया सामने आया है. इस वीडियो में 6 साल का मासूम अपने बीमार नाना को स्ट्रेचर पर ख़ुद ही डॉक्टर के पास इलाज़ कराने के लिए ले जाता दिखाई दे रहा है. बच्चे के परिजनों का कहना है कि उन्होंने वॉर्ड बॉय को रिश्वत के पैसे देने से मना कर दिए तो उसने मरीज़ को ख़ुद ही डॉक्टर के रूम तक ले जाने को कहा.

देवरिया ज़िला अस्पताल में हुई इस घटना का वीडियो किसी ने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. साथ ही ये सवाल भी पूछा कि क्या इसी तरह यूपी सरकार कोरोना महामारी को हराएगी, जहां नॉर्मल मरीज़ को ठीक से ट्रीटमेंट देने का इंतज़ाम भी नहीं है.

यहां देखिए वीडियो: 

अब आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला. दरअसल, मरीज़ छेदी यादव जो देवरिया ज़िले के गौरा गांव के रहने वाले हैं उनका किसी से झगड़ा हो गया था. इस झगड़े में उन्हें काफ़ी चोट आई और पैर की हड्डी भी टूट गई. उनकी बेटी और नाती उनका इलाज कराने के लिए उन्हें ज़िला अस्पताल ले आये.

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यहां वॉर्ड बॉय ने मरीज को एक वॉर्ड से दूसरे वॉर्ड में शिफ़्ट करने के लिए रिश्वत के रूप में 30 रुपये मांगे. उसकी मांग न पूरी होने पर उसने उनसे ख़ुद ही मरीज़ को डॉक्टर के पास ले जाने को कहा. इसके बाद 6 साल का बेटा और उसकी मां स्ट्रेचर को खींच कर डॉक्टर के केबिन तक ले गए. 

इस वीडियो के वायरल होने के बाद ज़िला प्रशासन हरकत में आया. ज़िला अधिकारी अमित किशोर ने मामले का संज्ञान लेते हुए एक जांच कमेटी का गठन कर दिया साथ ही आरोपी वॉर्ड बॉय को सस्पेंड करने के आदेश दे दिये हैं.

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