फ़रीदाबाद में एक गाय की सर्जरी ने एक बार फिर इंसानों को शर्मसार कर दिया है. यूं तो भारत में बहुत से लोग गाय को पूजते हैं, मां समान मानते हैं लेकिन सड़क पर बेसहारा, आवारा घूमते गाय-बछड़े बहुत सारे सवाल करते हैं.
The Times of India की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते सोमवार को फ़रीदाबाद में एक गाय को गाड़ी ने टक्कर मार दी. एनआईटी-5 के पास से गाय को रेसक्यू किया गया और देवाश्रय एनिमल हॉस्पिटल लाया गया. अस्पताल में ज़ख़्मी गाय अपने ही पेट पर लात मार रही थी, इससे डॉक्टरों को पता चला कि उसे दर्द हो रहा था.
डॉक्टर्स का अनुमान है कि एनसीआर में घूमते-घूमते गाय ने ये सब खतरनाक चीज़ें खा ली होंगी. सर्जरी में शामिल डॉ. अतुल मौर्य ने बताया कि सर्जरी सफल थी लेकिन गाय अभी खतरे से बाहर नहीं है. गाय की उम्र 7 वर्ष है.
डॉ मौर्य को गाय के पेट के चार चेम्बर्स की सफ़ाई में लगभग 4 घंटे लगे. ग़ौरतलब है कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर ब्लैंकेट बैन लगाया गया है लेकिन आज भी धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल होता है. देश में रोज़ाना 26 हज़ार टन प्लास्टिक कूड़ा जमा होता है और इसमें से 40 प्रतिशत अनट्रीटेड, अनकलेक्टेड ही रहता है. ये न सिर्फ़ जानवरों के लिए बल्कि इंसानों के लिए भी ख़तरनाक है.
देशभर में कई गौशालाएं हैं, गौ पर परीक्षा करवाने के प्रस्ताव रखे जाते हैं, गौ विज्ञान को बढ़ावा देने की बातें होती हैं और इन सबके बाद भी अगर किसी गाय के पेट से इतना सबकुछ निकले तो ये न सिर्फ़ सरकार पर बल्कि हम पर भी बहुत सारे सवाल करता है.