पिछले दिनों 16 साल के लड़के की चलती ट्रेन में हत्या ने देश भर में एक आन्दोलन को जन्म दिया है. भीड़ द्वारा हत्या या Mob Lynching के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन घटनाओं के विरोध में जहां लोग सड़कों पर ‘Not In My Name’ की तख्ती लेकर उतरे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर #NotInMyName के द्वारा भी लोग अपना गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.

इन विरोध प्रदर्शनों में आम लोगों के साथ-साथ देश भर के तमाम बुद्धिजीवी, पत्रकार, लेखक और अन्य हस्तियां जुड़ रही हैं. अभी हाल में बेंगलुरु में लेखक, एक्टर-डायरेक्टर गिरीश कर्नाड भी सैकड़ों अन्य लोगों के साथ टाउन हॉल में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे. 79 साल के गिरीश कर्नाड की आंखें अब ठीक से देख भी नहीं सकतीं, फिर भी उन्होंने इस प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया. गिरीश के हाथ में एक तख्ती थी, जिस पर ‘Not In My Name’ लिखा हुआ था.

पत्रकारों से बात-चीत में गिरीश ने बताया, ‘आपको भारतीयों के ख़िलाफ़ किसी भी तरह के अन्याय का विरोध करना पड़ेगा. हमारे पास संविधान है, हमारे पास क़ानून और व्यवस्था है, फिर भी ऐसी घटनाएं घटती हैं, तो ये भयानक है. हम जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. ये धर्म नहीं, सब राजनीति का हिस्सा है.’
गिरीश कर्नाड भारत के मशहूर नाटककारों और फ़िल्म डायरेक्टर्स में गिने जाते हैं और साउथ इंडियन फ़िल्मों का एक बड़ा नाम हैं. इसलिए उनका इस विरोध प्रदर्शन में आना, आन्दोलन को बल देता है. इसके अलावा उनके इस उम्र में विरोध प्रदर्शन में आने से उन लोगों को भी सीखना चाहिए, जो तभी विरोध के लिए आगे आते हैं, जब उनके साथ कुछ ग़लत होता है.
#HumansAgainstMob