कहते हैं कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती. ये कभी भी और कहीं भी हो जाता है. लेकिन यो सोच सिर्फ़ शब्दों में ही देखने को मिलती है. असल ज़िंदगी में तो समाज ही उसे बेदखल कर देता है. प्यार तो छोड़िए हमारे समाज में शादी की उम्र भी तय है. इसके बाद शादी किसी Tabboo से कम नहीं.
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है कोलकाता में, जहां एक शख़्स ने 88 साल की उम्र में शादी करने के लिए कोर्ट में अपील की है. ख़बर कुछ यूं है कि शख़्स की बीबी का निधन दो साल पहले हुआ था. उस शख़्स के तीन बेटे हैं और तीन ही बेटियां हैं. लेकिन इसके बावजूद वो अपनी पत्नि की मौत के बाद अकेला महसूस करता था और इसके कारण ही उसने दूसरी शादी करने की अपील की थी. लेकिन उसके बच्चे उसे ऐसा करने से रोक रहे हैं.
जैसे ही ये दलिल इस शख़्स के वकील ने कोर्ट को दी, जज ने उसके वकीले से पूछा कि शख़्स की उम्र क्या है.

वकील ने जवाब दिया 88 साल. ये जवाब सुन कर जज भी हैरान रह गईं. उन्होंने कहा कि इस उम्र में शादी करने की अपील करने पर उनके बच्चों ने उन्हें पागलखाने नहीं भेजा यही हैरान करने वाली बात है. इस केस में कोर्ट कुछ नहीं कर सकता.
शख़्स के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसने अपने बेटों और बेटियों के खिलाफ़ FIR करनी चाही, तो पुलिस ने मना कर दिया और उसे शादी न करने की सलाह भी दी.
इस पर भी जज का जवाब था कि ये एक सही सलाह है, शख़्स को अपनी जायदाद का हिस्सा कर के आराम से ज़िंदगी बितानी चाहिए.

इन शब्दों के साथ कोर्ट ने इस केस को पूरी तरह से खारिज़ कर दिया. हम आप से पूछते हैं कि अगर आप जज होते, तो आपका क्या फ़ैसला होता.
Source: Telegraph India