दिग्गज उर्दू कवि, आनंद मोहन ज़ुत्शी गुलज़ार देहलवी 28 मई की दोपहर को अपनी पोती के लिए शेर लिख रहे थे. उस दिन उसकी शादी थी. वो अपना प्यार और आशीर्वाद इस शेर के ज़रिए वाट्सएप द्वारा US भेज रहे थे. उसी दिन रात को उनकी तबियत भी गड़बड़ा गई.
देहलवी साहब 93 वर्ष के हैं और नोएडा में रहते हैं. जिसके बाद परिवार वाले उन्हें कैलाश हॉस्पिटल ले आए. जहां टेस्ट करने के बाद वो कोविड पॉज़िटिव पाए गए. इसके बाद उन्हें ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

डॉ अजीत कुमार, जिन्होंने देहलवी साहब का इलाज किया बताते हैं, “जब मैंने उनकी जांच की तब उनकी तबियत बहुत ख़राब थी और ऑक्सीजन लेवल भी बहुत कम था.”
तीन दिन तक चले कड़े ट्रीटमेंट के बाद उनकी हालत में सुधर आने लगा और रविवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. अभी वो घर पैर सात दिनों के लिए सेल्फ़-आइसोलेशन करेंगे.
गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एल वाई ने भी ट्वीट किया
This 94 year resident turned covid negative and was discharged today. He is an inspiration to many like me. Sir, you motivate us to work even harder, we all residents wish you a very long and healthy life 🙏 pic.twitter.com/WpaKITKDjo
— DM G.B. Nagar (@dmgbnagar) June 7, 2020
The Indian Express से की बात में, देहलवी साहब की पत्नी कविता ने कहा,
देहलवी साहब एक कश्मीरी पंडित है. वो ‘साइंस की दुनिया’ मैगज़ीन के एडिटर भी रह चुके हैं. सरकार द्वारा उर्दू में प्रकाशित एकमात्र विज्ञान पत्रिका, जिसे 1975 में लॉन्च किया गया था. उन्हें पूरे भारत में उर्दू स्कूल स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है. उनके माता-पिता भी कवि थे. उनका जन्म पुरानी दिल्ली की कश्मीरियन में हुआ था. उस इलाक़े में सीताराम मार्केट, उनके पूर्वज के नाम पर रखा गया है. देहलवी साहब ने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था.
उन्होंने कई मुशायरों में भाग लिया है यहां तक की 2015 में हुए जश्न-ए-रेख़्ता में भी उन्होंने भाग लिया था.

शारदा अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. अभिषेक देशवाल ने कहा कि देहलवी साहब के ठीक होने से अस्पताल के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है.
“जाने से पहले, उन्होंने हम सभी को आशीर्वाद दिया और पूरी तरह स्वस्थ होने पर एक दिन दोपहर के खाने के लिए आमंत्रित किया.”
7 जुलाई को अपना 94 वां जन्मदिन मनाएंगे.