कई बार न हम उम्र का हवाला देते हुए कई चीज़ें करने से बचते हैं. फिर चाहे बात करियर में रिस्क लेने की हो या अच्छा पार्टनर ढूंढने की. इस दौरान शायद हम उन लोगों की ओर देखना भूल जाते हैं, जो 80-90 की उम्र में भी कमाल कर रहे हैं. अगर आप अपने आस-पास नज़र घूमायें, तो बहुत से ऐसे लोगों को पायेंगे, जिन्होंने उम्र को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की है.
कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर एक ऐसे बुज़ुर्ग की कहानी सामने आई जिसने हर किसी को भावुक कर दिया. मिलिये 98 साल के विजय पाल सिंह से, जो आराम करने की उम्र में रायबरेली के हरचंदपुर इलाके में चने की दुकान लगाते हैं. एक ओर जहां इस उम्र में इंसान का चरपाई से उठना मुश्किल होता है. वहीं ये बुज़ुर्ग आत्मनिर्भरता की मिसाल क़ायम कर रहे हैं.
A 98 yr old man who sells chana outside his village in UP’s Rae Bareli was felicitated yesterday by @VaibhavIAS .The gentleman’s story gained traction after this viral video shot by a customer where he can be heard saying this is not out of compulsion but to stay fit … pic.twitter.com/oLokIr3dMj
— Alok Pandey (@alok_pandey) March 5, 2021
बाबा इस उम्र में भी काम इसलिये रहे हैं, क्योंकि वो अपने बच्चों पर बोझ नहीं बनना चाहते. बाबा का वीडियो देखने के बाद शायद ही कोई होगा, जिसकी आंखें नम न हुईं हो. वहीं जब ज़िलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की नज़र बाबा के वायरल वीडियो पर पड़ी, तो उन्होंने फ़ैरन बाबा को अपने ऑफ़िस बुलाया. ज़िलाधिकारी ने उन्हें सम्मानित करते हुए 11 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद दी है. इसके साथ ही छड़ी, राशनकार्ड और शॉल भी दिया.
चूंकि बाबा के पास पीएम आवास योजना के तहत घर है. इसलिये उन्होंने घर में शौचालय बनाने का निर्देश दिया है. ज़िलाधिकारी का कहना है कि बाबा की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. वो इस उम्र में भी बच्चों की परेशानियां समझ रहे हैं. इसके साथ ही इसलिये काम रहे हैं, ताकि उनके हाथ पैर चलते रहें.
उम्मीद है कि बाबा के बारे में जानने के बाद आप आगे बढ़ने के लिये उम्र का हवाला नहीं देंगे.