चाइना के सोशल मीडिया में आज कल शंघाई के एक 5 साल के बच्चे का CV काफ़ी वायरल हो रहा है. 15 पन्नों के इस CV में बच्चे के माता-पिता ने उसकी अच्छाइयां, उसकी प्रतिभा और उसके अच्छे व्यक्तित्व के साथ और भी ढेरों सकारात्मक गुणों का वर्णन किया है. ये सब सिर्फ़ इस उद्देश्य से किया है कि उनके बच्चे को एक अच्छे स्कूल में एडमिशन मिल जाए.
दोस्तों के साथ अच्छा बर्ताव, बड़ों के लिए इज़्ज़त, परिवार के लिए प्यार के साथ-साथ ये CV उन सभी किताबों की बात भी करता है, जो उस बच्चे ने वर्ष 2018 में पढ़ी हैं. हॉन्गकॉन्ग के एक अख़बार के अनुसार, तो इसमें 10,000 किताबों की बात कही गयी है.
सोशल मीडिया पर 15 पन्नों वाले इस CV की तस्वीरें हर कोई शेयर कर रहा है. साथ ही लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आयी हैं.
“Some called for the parents of the boy to be arrested. Others wondered whether today’s children would know true happiness, given the intense pressure to perform well and land good jobs. “https://t.co/IPKmDOpxkF
— Charlotte Mitchell (@charbrowmitch) November 2, 2018
‘A 5-Year-Old’s 15-Page Résumé Captivates China: “I never cry when I get shots. Starting when I was a year and a half old, I would get up by myself when I fell down. Everyone praised me as brave.” https://t.co/9hdV9o63rD
— Liazzat Rabbiosi (@zazakosh) November 2, 2018
I wish they were interested in a child’s happiness and what his passions are. This is scary, but more so ludicrous. The child is 5 years old.
— Patty B. Lamprinakos (@PBLamp) November 1, 2018
दरअसल, चाइना में प्राइमरी स्कूल की शुरुवात 6 या 7 साल में होती है और शंघाई के प्राइवट स्कूलों बेहद प्रतिस्पर्धी हैं. ऐसे में इतनी ज़्यादा वाली आबादी के बीच अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए, मां-बाप कुछ भी करने के लिए तैयार होते हैं.
एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, ‘चाइना की सीमित शिक्षा संसाधनों से तनावग्रस्त हो कर, इस बच्चे के माता-पिता ने ऐसा किया है.’
हालांकि, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में कहा गया है कि फ़रवरी में, शंघाई अधिकारियों ने प्राथमिक विद्यालयों को बच्चों का CV स्वीकार करने से और एडमिशन की प्रक्रिया में माता-पिता का मूल्यांकन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
एक 5 वर्षीय बच्चे के व्यक्तित्व को इस हद तक साबित करना, बेशक उसके बचपन को छीनना जैसा है. चाइना ही नहीं, विश्व भर में ऐसी कोई भी प्रक्रिया उस बच्चे के साथ-साथ, उस देश के भविष्य को भी अंधेरे में डालता है.