ये तस्वीर देख रहे हैं.
ये सुबूत है हमारी बेग़ैरती का, हमारी इंसानियत ख़त्म हो जाने का.
मुंबई के ESIC अस्पताल में लगी आग में 147 लोग घायल हुए और 8 लोगों की मृत्यु हो गई. उसी आग ने इस 2 महीने की मासूम की ज़िन्दगी भी निगल ली. किसे पता था कि डोरमैट में लिपटी इस ज़िन्दगी को एक चादर भी क़ाबिल नसीब नहीं होगी.
बच्ची के पिता राजेश यादव ने कहा,
उसे ढकने के लिए मुझे कुछ और नहीं मिला.
Skygourmet Catering Pvt Ltd में बावर्ची हैं राजेश. सोमवार को वे Dr R N Cooper Hospital और Seven Hills अस्पताल के बीच दौड़ते-भागते रहे. एक अस्पताल में उनकी पत्नी भर्ती थी और एक में बहन. दौड़-भाग में वो सबसे यही पूछते रहे कि क्या किसी ने एक बच्चे को देखा है, जो अपने माता-पिता से बिछड़ गया है.
मंगलवार को रात 1 बजे Holy Spirit Hospital में कालिख़ से पुती उन्हें अपनी बच्ची मिली. राजेश ने बताया,
एक नर्स को मेरी बच्ची मिली, चौथे फ़्लोर के एक बिस्तर पर. बस वहीं पड़ी थी वो.
फ़ोरेंसिक जांच में पता चला कि दम घुटने से बच्ची की मौत हुई है.
राजेश के अंकल राम प्रसाद ने बताया,
वो तीनों साथ में ही थे. दोनों औरतों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था. जब आग लगी तब बच्ची अपनी मां के हाथ में थी, धुंए के कारण वो शायद बेहोश हो गई होगी.
बाकी लोगों की तरह उन दो औरतों ने कूदकर भागने की कोशिश नहीं की, बच्ची साथ में थी शायद इसलिए.
ESIC अस्पताल में ही 2 महीने पहले उस बच्ची का जन्म हुआ था. किडनी स्टोन की वजह से 14 दिसंबर को रुकमणी (बच्ची की मां) ESIC में भर्ती हुई थी.