दिल्ली के छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सेलीब्रिटीज़ ने मिलकर ‘National Campaign Against Mob Lynching’ नामक संस्था के साथ मिल कर मॉब लिंचिंग से होने वाले हत्याओं में शामिल लोगों को सज़ा दिलाने के लिए एक कानून का मसौदा तैयार किया है. इन सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि जो लोग मॉब लिंचिंग के अपराध में दोषी पाए जाते हैं, चाहे वो पुलिस अधिकारी या प्रशासन के लोग ही क्यों न हो, उन्हें सख़्त से सख़्त सज़ा दी जानी चाहिए. इस कानून को इन लोगों ने ‘मानव सुरक्षा कानून’ (मासुका) नाम दिया है.

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इस अवसर पर बॉलीवुड अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता स्वरा भास्कर ने कहा कि, मैं भारतीय फ़िल्म उद्योग में अभिनेत्री हूं, लेकिन एक जागरुक भारतीय नागरिक होते हुए, मैं कहीं पर भी मारपीट का समर्थन नहीं करूंगी. मैं भी उन हज़ारों युवाओं के साथ खड़ी थी, जो मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इन हिंसाओं के खिलाफ़ हम सब साथ हैं. विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने गौ रक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं की निंदा की थी, लेकिन इसके बाद भी हिंसाएं नहीं थम रही हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल की पूर्व छात्र संघ अध्यक्षा शाहिला राशिद शोहरा ने कहा कि, मौजूदा कानून मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ प्रभावी नहीं हैं. हम इसके लिए एक कानून का ड्राफ्ट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. इस कानून को पहले लोगों के बीच रखेंगे इसके बाद हम आगामी मानसून सत्र में सांसदों, सरकार के जन प्रतिनिधियों और प्रधानमंत्री से भी संपर्क करेंगे.

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मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ बने इस ड्राफ़्ट में ‘भीड़’ और ‘हत्या’ शब्द की व्याख्या की गई है. इसके साथ ही भीड़ द्वारा हो रही मारपीट के दौरान प्रशासन की ज़िम्मेदारी के बारे में भी उल्लेख किया गया है. मॉब लिंचिंग की घटना की रोकथाम और गवाहों की सुरक्षा के लिए भी इस ड्राफ़्ट में प्रावधान हैं. इसके अतिरिक्त लोगों को भड़काने वाली सामग्री का प्रचार करने वालों को एक से तीन साल की जेल और अधिकतम 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी इसमें शामिल है.

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इस तैयार मसौदे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों (इंसपेक्टर पद से नीचे ) की मंजूरी के बिना अपराधी और पुलिस अधिकारिओं पर मुकदमा चलाने का प्रावधान रखा गया है. इस कानून में दोषी व्यक्तियों को 7 से 10 साल की जेल के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है.

आप मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ बने इस कानून के मसौदे को यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

Source – Hindustan times