वैज्ञानिकों ने केरल में मछली की एक नई प्रजाति की खोज की है, जो ‘स्नेकहेड फिश’ यानि सांप की तरह मुंह वाली मछली की तरह दिखती है. वैज्ञानिकों ने इस मछली का नाम जेआरआर टॉल्किन की नॉवेल ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ के क़िरदार पर ‘गोलम’ रखा है.
एनिग्माचन्ना गोलम, ड्रैगन स्नेकहेड फ़िश परिवार से ताल्लुक रखती है. ये खोज इसिलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे पहले इस तरह की मछली कही नहीं देखी गई है.
दरअसल, ये मछली पानी के नीचे पत्थरों में छिपी रहती है और सिर्फ़ तब ही सतह पर दिखाई पड़ती है, जब बारिश के चलते भारी बाढ़ आती है. गोलम के अलावा इसी परिवार की एक और प्रजाति की भी खोज की गई है, जिसे ‘एनिग्माचन्ना महाबली’ कहा जाता है.
एनिग्माचन्ना परिवार के सबसे करीबी रिश्तेदार चैनिडे हैं, जिनमें से कम से कम 50 प्रजातियां एशिया और उष्णकटिबंधीय अफ्रीका की नदियों और झीलों में पाई जा सकती हैं. आणविक विश्लेषण के अनुसार, दोनों परिवार एक दूसरे से 34 मिलियन से 109 मिलियन वर्ष पहले अलग हो गए थे.
शोधकर्ताओं के रिसर्च पेपर में कहा गया है कि, एनिग्माचन्ना का वंश गोंडवाना से संबंधित है. इसका मतलब है कि जब सुपर कॉन्टिनेंट टूटने के चलते क़रीब 120 मिलियन साल पहले भारत और अफ़्रीका अलग हुए थे, तब ये प्रजाति बच गई थी.
इस ड्रैगन स्नेकहेड्स में छोटे तैरने वाले ब्लैडर होते हैं, साथ ही इनकी पसलियों का भी ठीक से विकास नहीं हुआ है. जो रेगुलर स्नेहहेड्स की तुलना में इन्हें कम विशिष्ट बनाते हैं. फ़ैमिली में आंखें और रेडिश-ब्राउन पिग्मेंटेशन भी मौजूद हैं, जो असामान्य हैं. क्योंकि अधिकांश सबटेरेरियन मछलियों का रंग पीला पाया जाता है और उनमें आखें भी नहीं होतीं.
सोशल मीडिया के चलते मिली कामयाबी
गोलम और महाबली जैसी प्रजातियां काफ़ी वक़्त तक दुनिया से छिपी रहतीं, अगर सोशल मीडिया न होता. दरअसल, 2018 में एक शख़्स ने अपने घर के कुएं में इस प्रजाति को देखा और सोशल मीडिया पर इसे पोस्ट कर दिया.
केरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज़ के एक शोधकर्ता और वर्तमान अध्ययन के सह-लेखक राजीव राघवन की नज़र जब इस पर पड़ी, तों वो इस मछली की प्रजाति को समझ नहीं पाए. इसलिए उन्होंने Ralf Britz को तस्वीरें ईमेल कर दीं. हालांकि, उन्हें भी इस प्रजाति के बारे में जानकारी नहीं थी.
राघवन और उनके सहयोगियों ने एक वैज्ञानिक अध्ययन के इस मछली के नमूनों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते Britz भी भारत आने पर मजबूर हो गए. फिर एक रात Britz को कोच्चि में एक बाढ़ वाले धान के खेत में ये मछली सतह के ऊपर दिखाई दी.
बता दें, साल 2019 में अंतर्राष्ट्रीय जर्नल Zootaxa में मछली की इस विशेष प्रजाति पर एक शोध पत्र प्रकाशित किया गया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस क्षेत्र में एनिग्माचन्ना एकत्र किया गया था, वो पश्चिमी घाट-श्रीलंका हॉटस्पॉट का हिस्सा है, जो दुनिया के सबसे अमीर जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में से एक है.