मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले की एक पंचायत ने अजीबो ग़रीब फ़ैसला सुनाया है. पंचायत ने बलात्कार की पीड़ित नाबालिग बच्ची के पिता से उसके शुद्धिकरण के लिए पूरे गांव को ‘मांसाहारी भोज’ कराने का फ़रमान सुनाया है.
दरअसल, इसी साल जनवरी माह में राजगढ़ ज़िले के एक गांव की 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार हुआ था. इसके बाद से ही गांव के लोग पीड़ित परिवार को अशुद्ध बताकर गांव के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं देते थे. ऐसा होने के बाद पंचायत ने ये फ़रमान सुनाया.
पंचायत का बेहूदा तर्क ये था कि लड़की के साथ बलात्कार करने वाला शख़्स निचली जात का था, इसलिये उन्हें शुद्धिकरण कराना होगा. इसके बाद पीड़ित बच्ची के पिता ने राजगढ़ में कलेक्टर दफ़्तर में न्याय की गुहार लगाई.
पीड़ित बच्ची के पिता ने परेशान होकर बताया कि ‘गांव वाले भंडारा मांग रहे हैं, मेरे पास पैसे नहीं हैं फिर भी ज़िद कर रहे हैं. मैं भंडारा कैसे करूं?
महिला-बाल विकास अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने बताया, ‘माता-पिता मेरे पास आए थे, मैंने उन्हें बोला था कि एफ़आईआर करें, जितने भी दोषी हैं उनको बख़्शा नहीं जाएगा.
एडिश्नल एस.पी. एन. एस सिसौदिया ने कहा कि ‘पीड़ित परिवार ने महिला बाल विकास अधिकारी को आवेदन दिया था, जब महिला बाल विकास अधिकारी राजस्व और पुलिस की टीम ने गांव जाकर जांच की, तो वहां ऐसी कोई चीज सामने नहीं आई.