उत्तर कोरिया में नारकीय ज़िंदगी बिताने वाली एक महिला ने इस देश के तानाशाह किम जॉन्ग उन के कारनामों के बारे में खुलकर अपनी राय रखी है. Pyongyang की रहने वाली Hee Yeon Lim 26 साल की हैं और वो उत्तर कोरिया के एक आर्मी जनरल की बेटी हैं. 2015 में जब 51 साल के कर्नल का देहांत हुआ था तो उनके परिवार ने उत्तर कोरिया से बाहर निकलने का फ़ैसला किया था.
Lim इस समय दक्षिण कोरिया में रह रही हैं. 26 साल की इस महिला का ये बयान उस वक़्त आया है जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी का दौर अपनी चरम सीमा पर पहुंचा है. इस महिला ने बताया कि ‘एक बार 11 लोगों के एक म्यूज़िकल ग्रुप को फ़ुटबॉल स्टेडियम में मार गिराया गया था क्योंकि उन पर पॉर्न मूवी बनाने का इल्ज़ाम लगा था. इन संगीतकारों को पहले लाया गया, फिर इन्हें बांधा गया और एंटी एयरक्राफ़्ट गन से इन्हें उड़ा दिया गया.’

महिला के मुताबिक, ‘ये बेहद भयानक था और मैं तीन दिनों तक खाना नहीं खा पाई थी. इस नरसंहार को देखने के बाद मैं अंदर तक कांप गई थी. हम लोग भले ही पैसे और रसूख वाले थे, लेकिन इस घटना को देखने के बाद हम सब डर गए थे. मैंने Pyongyang में बेहद भयानक चीज़ें देखी हैं.’
Hee Yeon ने कहा कि जहां उत्तर कोरिया में गरीबी के कारण लोग घास खाने को मजबूर हैं वहीं किम जॉन्ग कई बार सिर्फ़ अपने लंच पर ही 1000 पाउंड उड़ा देता है.

26 साल की इस महिला ने बताया कि ‘तीन बच्चों के पिता होने के बावजूद किम जोंग, स्कूलों से नौजवान युवतियों को उठावा लेता है. इन लड़कियों को सिखाया जाता कि कैसे इस तानाशाह को मसाज देना है और इनमें से ज़्यादातर लड़कियों को किम का सेक्स स्लेव बना दिया जाता है. कोई भी लड़की विरोध भी दर्ज नहीं करा पाती हैं क्योंकि उसे मालूम होता है कि विरोध का मतलब ही होता है सज़ा-ए-मौत.’ उन्होंने कहा कि ‘जब मैं स्कूल में थी तब भी कई अधिकारी हमारे स्कूल आते थे और नौजवान युवतियों को ले जाते थे.’
लड़की ने खुलासा किया कि ‘किम जॉन्ग के लीडर बनने के बाद से 25 मिलियन लोगों को जेल में डाला गया है. यियोन भी तभी भागने में सफ़ल हो पाई जब उसकी मां और छोटी बहन ने चीन जाने के लिए गार्ड को रिश्वत दी थी. उत्तर कोरिया से बाहर निकलने में यियोन को 5000 पाउंड्स खर्च करने पड़े थे. पहले यियोन को लाओस में छिपा कर ले जाया गया था और फिर आखिरकार उसे दक्षिण कोरिया के सियोल में छोड़ दिया गया था.’

इस महिला का कहना था कि ‘ये यात्रा बेहद डरावनी थी. उस दौरान मुझे लग रहा था कि हमें किसी भी समय रोक लिया जाएगा. चीन के लिए जाते वक़्त ड्राइवर ने कई जगहों पर रिश्वतें दी. उत्तर कोरिया से बाहर निकलने पर मुझे इतनी ज़्यादा खुशी हो रही थी कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था.’