27 फ़रवरी 2019 को पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स जेट्स से भारतीय नौसेना की मुठभेड़ के बाद विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में जा गिरे थे. इसके बाद उनके साथ स्थानीय लोगों ने बुरा बर्ताव किया पर पाकिस्तानी सेना ने बेहद सम्मान के साथ अरेस्ट किया.


रिपोर्ट्स के अनुसार, दुश्मन ने Communication System जाम कर दिया था और अभिनंदन वापस लौटने का कमांड नहीं सुन पाए थे.   

BBC

अगर अभिनंदन का MiG 21 Bison विमान Anti-Jamming Technology से लैस होता तो अभिनंदन वक़्त रहते वापस लौट जाते. अगर ऐसा होता तो न ही उनके विमान को दुश्मन क्षति पहुंचा पाता, न ही उन्हें Emergency Exit करनी पड़ती और न ही वे दुश्मन के हाथ लगते.   


Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर एक सीनियर सरकारी अफ़सर ने बताया,

‘अगर समस्याएं नहीं होती तो हम विंद कमांडर वर्थमान को खोते ही नहीं.’ 

Indian Today

भारतीय वायुसेना द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तानी वायुसेना ने भी फ़ाइटर प्लेन भेजे. हमारी वायुसेना ने दुश्मन को खदेड़ दिया. एक वक़्त के बाद भारतीय वायुसेना को दुश्मन का पीछा करना छोड़कर वापस आने का कमांड दिया गया. विंग कमांडर वर्थमान ने दुश्मन को खदेड़ना जारी रखा. बंदी बनाए जाने से पहले उन्होंने अमेरिका में बने F-16 विमान को मार गिराया.  


भारतीय वायुसेना ने बेहतर Communication की रिक्वेस्ट सबसे पहले 2005 में दी थी. IAF ने New Age Communication जैसे कि Data Link की ज़रूरत की बात रखी थी. सुरक्षित Data Link से हर फ़ाइटर के Fuel Ammunition आदि की जानकारी मिल पाएगी. नाम न बताने की शर्त पर Hindustan Times से बात करते हुए एक फ़ाइटर ने बताया, ‘कमांडर को पता है कि किस फ़ाइटर को बेस पर वापस आना है और किसको दुश्मन से मुक़ाबला करना है.’ 

Zee Biz

2008 और 2012 के बीच IAF ने नए Communication System की टेस्टिंग की और सरकार को जानकारी दी. 2013 में सरकार के सामने, पंजाब के Halware Airbase में इसका प्रदर्शन भी किया गया. सरकार मन बना रही थी पर DRDO (Defence Research and Development Organisation) और BEL (Bharat Electronics Limited) ने भारतीय वायुसेना के लिए Communication Sets बनाने की पेशकश की. DRDO और BEL ने ऐसे सेट बनाए पर वो वायुसेना की ज़रूरत के हिसाब से नहीं थे.  

नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य सरकारी अफ़सर ने बताया,


‘DRDO द्वारा बनाए गए सेट्स एयरक्राफ़्ट में फ़िट नहीं होते. वो काफ़ी बड़े हैं और उन्हें फ़िट करने के लिए प्लेन्स की डिज़ाइन बदलने की आवश्यकता है.’ 

नए Communication Sets पर सवाल करने पर BEL के प्रवक्ता ने बताया, ‘इन्हें CEMILAC, RCMA आदि से सर्टिफ़िकेशन लेने की ज़रूरत है. ये काफ़ी लंबी प्रक्रिया है और इनमें से कुछ पर अभी काम चल ही रहा है. भारत में किसी भी वायुयान में फ़िट करने से पहले ये सर्टिफ़िकेट लेना ज़रूरी है.’ 

Hindustan Times

इस मामले पर DRDO ने कोई सीधा-सादा बयान नहीं दिया पर कुछ सीनियर अधिकारियों ने ये बताया कि इन Communication Systems का Naval Version लगाया जा रहा है जबकि IAF Version पर काम चल रहा है.


भारतीय वायुसेना ने सरकार से Frontline Fighters के लिए कुछ Emergency Sets ख़रीदने की अनुमति मांगी थी. 2014 और 2016 के बीच सरकार का कोई जवाब नहीं आया. विदेशियों से Anti-Jamming Technology ख़रीदने पर प्रश्न किए गए. 2017 में सरकार ने भारतीय वायुसेना को ग्लोबल कंपनियों से Jamming Sets ख़रीदने की अनुमति दे दी. भारतीय वायुसेना ने 2017 में कॉनट्रैक्ट साइन किया और उम्मीद की जा रही है कि फ़ाइटर प्लैन्स में New Age Communication System लग जाएंगे.   

National Interest

देश में जल्द ही आने वाले राफ़ेल प्लैन्स में ये समस्याएं नहीं होंगी.