6 दिसंबर वो तारीख है, जिस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कुछ असामाजिक कार सेवकों द्वारा ढाह दिया गया था. कई सालों से इस दिन मीडिया इस हादसे के ऊपर स्पेशल कार्यक्रम करती आ रही है. स्पेशल कार्यक्रम तब भी होते हैं, जब राजनीति या न्यायालय में अयोध्या का मामला गर्म होता है.
कल 6 दिसंबर था, इसलिए इस मौके पर ABP News ने दोपहर 12 बजे स्पेशल कार्यक्रम दिखाने की घोषणा की थी. समय से कार्यक्रम की शुरुआत भी हो गई थी.

शो में ABP News के एक एंकर पत्रकार दिबांग का इंटरव्यु ले रहे थे. इंटरव्यु अयोध्या की सड़कों पर ही चल रहा था. दिबांग एंकर को वो बातें बता रहे थे जो उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 को अपनी आंखों से देखी थी.

दिबांग बता रहे थे कि बाबरी मस्जिद के ठीक सामने भाजपा के नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, प्रमोद महाजन, उमा भारती आदी वहीं खड़े थे और मस्जिद को ढहते हुए देख रहे थे.

न्यूज़ एंकर और दिबांग के बीच 7-8 मिनट की बातचीत हुई होगी, तभी स्क्रीन पर विज्ञापन चलने लगता है और अगले 20-22 मिनट तक सिर्फ़ विज्ञापन दिखाया जाता है.
12:30 से दूसरा शो आने लगता है. यानी पिछला शो बीच में रोक दिया जाता है. अब इसके रोके जाने के पीछे कारण क्या था, इस पर सोशल मीडिया वेबसाइट Reddit पर बहस छिड़ी हुई है. अधिकतर लोगों का कहना है कि ऐसा करना सेंसरशिप है. ये किसी तकनीकी ख़राबी की वजह से नहीं हुआ. हालांकि कुछ यूज़र्स ने इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग न होने के अभाव में अपत्ति भी दर्ज की.

एक यूज़र्स ने पुराने अनुभवों के बारे में लिखते हुए कहा कि एक बार जब पत्रकार अंजना ओम कश्यप एक शो में लोगों के हुजूम से बात कर रहीं थी, लोग स्थानीय भाजपा विधायक की बुराई कर रहे थे. 10 मिनट बाद टीवी पर विज्ञापन आता है और अगले शो की शुरुआत होने तक नहीं जाता.

बहस के बीच में सरकार पर अलोकतांत्रिक होने के आरोप भी लगे.

ABP News ने अपनी ओर इस इस घटना पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की.