15 जनवरी इंडियन आर्मी के लिए वो दिन होता है, जब वो परेड ग्राउंड में अपना दमखम दिखा कर देशवासियों को भरोसा दिलाती है कि उनके रहते इस देश पर कोई आंच नहीं आने वाली. इसके लिए इंडियन आर्मी एक महीने पहले से ही तैयारियों में जुट जाती है. इस साल भी आर्मी के कुछ जवान आर्मी डे के लिए रिहर्सल कर रहे थे कि एक दुर्घटना हो गई.
Times Now की एक ख़बर के मुताबिक, मंगलवार को रिहर्सल के दौरान जवान एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे उतर रहे थे कि अचानक ही वो टूट गई. स्पेशल फ़ोर्सेज़ के मेजर सुरेंद्र पूनिया ने इस हादसे के वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि ‘ऐसे उपकरणों के होते हुए हमारे जवानों की जान लेने के लिए हमें किसी दुश्मन से लड़ने की ज़रूरत नहीं.’
1/1 With equipment like this, we don’t need an enemy to kill our soldiers😕
ALH almost ends up severely maiming 4 Special Forces soldiers when the boom broke in republic day practice.Pray for injured bravehearts👏@adgpi @nsitharaman @narendramodi pic.twitter.com/im6atf7OKR— Maj Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 11, 2018
हादसे में इस्तेमाल हुए हेलीकॉप्टर का नाम ‘ध्रुव’ है, जो एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर है. इसका इस्तेमाल हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में किया जाता है. फ़िलहाल तीनों जवानों की हालत ख़तरे से बाहर बताई जा रही है.
1/2
Be it poor engineering/metallurgy/lack of quality control,the ALH almost puts an end for the soldiers it is meant to carryTo carry out any High Risk Mission/SurgicalStrikes we need 1-Trained confident soldier2-Reliable Machines@narendramodi Sir, We have 1st..We need 2nd pic.twitter.com/jDlSx80cA0— Maj Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 11, 2018
मेजर सुरेंद्र पूनिया ने इस हादसे के पीछे ख़राब इंजीनियरिंग और घटिया मेटल का इस्तेमाल बताया है. आर्मी के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि ‘फ़िलहाल हमें इसके सटीक कारणों का नहीं पता, पर हमने इसकी जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम गठित की है, जो हमें अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.’
सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सईद अता हसनैन ने भी इस हादसे को काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
ख़ैर इस हादसे ने एक सवाल हमारे सामने छोड़ दिया है कि ‘क्या ऐसे उपकरणों के साथ हम अपने जवानों को सीमा पर लड़ने के लिए भेज सकते हैं?’