Sheroes Hangout के बारे में पता है क्या? अगर कभी चेन्नई जाएंगे, तो इस कैफ़े में ज़रुर जाने की कोशिश करें. यहां आपको खाने के साथ-साथ प्यार भी मिलेगा. आप सोच रहे होंगे कि मैं क्या कह रहा हूं. जी मैं आपको बताने की कोशिश कर रहा हूं कि चेन्नई में एक स्टार्टअप ऐसा है, जो अपने कैफ़े में एसिड से शिकार हुई महिलाओं को नौकरी दे रहा है और उनकी ज़िंदगी में एक सवेरा ला रहा है.

b’Source: Being Indian’

यहां खाना बनाने से लेकर परोसने तक का काम महिलाएं ही करती हैं. रेस्टोरेंट के मालिक एम. महादेवन कहते हैं कि इसे हम PCVC (Prevention International Foundation for Crime Prevention and Victim Care ) के साथ मिल कर चला रहे हैं. शुरुआती तौर पर हम इन महिलाओं को तीन महीने की ट्रेनिंग देते हैं.

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इन महिलाओं को स्विटजरलैंड के शेफ़ सिखाते हैं. वे ख़ास तौर पर इन महिलाओं को ट्रेन करने के लिए स्विटजरलैंड से चेन्नई आते हैं.

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यह कैफ़े सुबह 9 बजे से रात 10:30 बजे तक खुला रहता है. यहां सभी तरह के लोगों के खाने की सुविधा है. इसे कहते हैं मानवता. एसिड शिकार महिलाओं के लिए यह आत्मसम्मान से कम नहीं है. यह कैफ़े उनकी ज़िंदगी का एक रौशनी है. बधाई हो सभी को.