नदी, झील और समुद्र के किनारे बैठ कर लोगों को सुकून मिलता है. लेकिन बहुत जल्द ये सुकून हमसे छिनने वाला है. इसके लिए ज़िम्मेदार भी हम ही होंगे. वजह सिर्फ़ एक ही है, प्लास्टिक का कचरा. जिसे हर रोज़ हम अपनी नदियों और झीलों में फेंकने से बाज नहीं आते. देश और दुनिया के समुद्री तट धीरे-धीरे कचरे के कब्रिस्तान में तब्दील होते जा रहे हैं.

जुलाई में एक वीडियो सामने आया था जिसमें हिमालय से निकलने वाली नदियों से प्लास्टिक का कचरा बहता दिखाई दे रहा था. शिमला को पानी मुहैया करने वाली अश्वनी खाड़ किसी प्लास्टिक की नदी जैसी दिख रही थी.

उसके बाद मुंबई की समुद्री लहरों द्वारा 9 मीट्रिक टन शहर में वापिस फेकें जाने की ख़बर आई थी. इसके बाद भी हम लोग नहीं सुधरे और लगातार नदियों और समुद्र को गंदा करते रहे. वहीं दूसरी तरफ़ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लगातार छोटे स्तर पर ही सही लोगों को इस ख़तरे के प्रति आगाह करते रहते हैं.

इसका ताज़ा उदाहरण हैं बेंगलुरु की एक एक्ट्रेस. इन्होंने लोगों को प्लास्टिक के कचरे के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एक फ़ोटोशूट करवाया है. ये फ़ोटोशूट उन्होंने बेंगलुरु की ज़हरीली हो चुकी झील बेलंदूर में किया है.

इस साउथ इंडियन एक्ट्रेस का नाम है Rashmika Mandanna. उन्होंने लोगों को प्रदूषण की लगातार बढ़ती समस्या के प्रति जागरुक करने के लिए ये फ़ोटोशूट किया है. एक फ़ोटो में रश्मिका झील के काले पानी में डूबी दिखाई दे रही हैं और उसके आस-पास प्लास्टिक का कचरा तैरता दिखाई दे रहा है.

रश्मिका ने बताया कि जब वो बेलंदूर झील के पास गई तो उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि झील इतनी गंदी होगी. वो किसी सीवर के पानी जैसी दिखाई दे रही थी.

बेलंदूर झील कभी आस-पास के लोगों को पीने का पानी मुहैया कराती थी लेकिन बीते कुछ वर्षों में फ़ैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी और वेस्ट ने इसके पानी को ज़हरीला बना दिया है. इसका पानी इतना दूषित हो गया है कि एक बार ज़हरीले कैमिकल्स के कारण इसके पानी में आग तक लग गई थी. तब इसे 5000 जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया गया था.

जानकारों का कहना है कि इस झील का पानी इतना ज़हरीला है कि इससे कैंसर तक फैलने का ख़तरा है. हालांकि, झील में फ़ोटोशूट कराने वाली एक्ट्रेस के स्वास्थ्य को कोई नुकसान हुआ है कि नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

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National Green Tribunal ने कर्नाटक सरकार को जल प्रदूषण को कंट्रोल न कर पाने के लिए 50 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. लेकिन कर्नाटक सरकार ने अभी तक इस झील के पानी को साफ़ करने का कोई एक्शन प्लान नहीं बनाया है. रश्मिका मंदाना ने इस झील को पुर्नजीवित करने के लिए ये छोटा सा कदम उठाया है और लोगों से अपील की है कि वो इस झील को दूषित न करें. 

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