पंजाब-हरियाणा के हज़ारों किसान इस वक़्त दिल्ली बॉर्डर पर नए कृषि बिल के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिनों किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए सरकार को आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का सहारा लेना पड़ा है. कई किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया गया.

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आंदोलनकारी किसानों पर एफ़आईआर भी दर्ज की जा रही है. ऐसे में आंदोलनकारी किसानों को क़ानूनी मदद मुहैया करवाने के लिए कई वकील सामने आए हैं. पंजाब-हरियाणा में हाईकोर्ट के कुछ वकीलों के समूह किसानों की क़ानूनी मदद कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में खड़े हुए वक़ीलों के समूह

‘सबका मंगल हो’ नाम के वकीलों के एक समूह के अध्यक्ष अधिवक्ता प्रदीप रापरिया ने बताया कि, ये ग्रुप भ्रष्टाचार के मामलों से लड़ने के अलावा किसानों के लिए क़ानूनी लड़ाई भी लड़ता है. ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के बाद, हरियाणा पुलिस ने लगभग 80 किसानों को आधी रात छापेमारी कर गिरफ़्तार कर लिया. 

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‘हरियाणा प्रोग्रेसिव फ़ार्मर्स यूनियन’ के माध्यम से वकालत करने वाले इस समूह ने पुलिस के इस क़दम के विरोध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया. रापरिया के अनुसार, किसान पृष्ठभूमि के किसान और वकील, संघ से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन किसानों को हिरासत में लिया या गिरफ़्तार किया, जिन पर वर्तमान किसान आंदोलन को लेकर कोई एफ़आईआर तक नहीं है. 

वहीं, पुलिस का कहना है कि इन किसान संगठनों का आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने, क़ानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने और सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने का इतिहास है.

हर क़ानूनी मदद करने को तैयार

वकील रवींदर सिंह ढुल गुरुवार को आंदोलनकारी किसानों को क़ानूनी सहायता देने के लिए दिल्ली सीमा पर पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘आंदोलन के संबंध में किसानों के ख़िलाफ़ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. मैं न केवल उन्हें क़ानूनी सहायता प्रदान करूंगा, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर अदालतों में उनकी क़ानूनी लड़ाई भी लड़ूंगा.

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The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, रवींदर सिंह ने किसानों पर आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करने के कारण हरियाणा सरकार के शीर्ष अधिकारियों को भी नोटिस भेजा है. 

उन्होंने क़ानूनी नोटिस के ज़रिए उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि हरियाणा के आसपास सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए सड़कों पर अवैध बैरिकेडिंग, आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन के यूज़ से हुए सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई करें.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए निवारक उपायों के हिस्से के रूप में व्यवस्था की गई थी. क़ानूनी नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा है जैसे प्रशासन को बाढ़ रोकने की व्यवस्था करने के लिए खर्च करने को कहा जाए. हम इस मुद्दे से संबंधित सभी क़ानूनी पहलू से निपट लेंगे.

कंगना रनौत को भेजा लीगल नोटिस

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एक वकील हाकम सिंह ने एक्ट्रेस कंगना रनौत को भी उनके फ़ेक ट्वीट के लिए लीगल नोटिस भेजा है. किसान प्रदर्शन में शामिल एक बुज़ुर्ग महिला को कंगना ने ग़लती शाहीन बाग़ की बिलकिस दादी बता दिया था. अब उन्हें नोटिस के ज़रिए माफ़ी मांगने के लिए कहा गया है.

बता दें, वकीलों की तरह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीश भी किसानों के समर्थन में आए हैं. पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एमएस गिल, न्यायमूर्ति रंजीत सिंह और न्यायमूर्ति नवाब सिंह ने किसानों को ट्रीट करने में हरियाणा पुलिस के रवैये की आलोचना की है.