देश में महिला सुरक्षा अब केवल एक खोखला शब्द बनकर ही रह गया है. तभी तो आये दिन बलात्कार के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं. बीते सोमवार की रात गुरुग्राम में एक महिला का ऑटो में रेप किया गया और उसकी 9 महीने की बच्ची को ऑटो से बहार फ़ेंक दिया गया, जिससे उस बच्ची की मौत हो गयी.

रिपोर्ट्स के अनुसार, ये महिला IMT मानेसर के पास के एक गांव की रहने वाली है, और 29 मई की देर रात पति के झगड़ा होने के कारण वो गुरग्राम के खांडसा में स्थित अपने माता-पिता के घर जा रही थी.

बीते मंगलवार पुलिस ने इस केस के तीन संदिग्धों के स्केचेज़ जारी किये

अपने मायके जाने के लिए उसने एक ऑटो-रिक्शा को रोका, जिसमें पहले से ही 3 आदमी बैठे हुए थे. उसने पुलिस को बताया कि जैसे ही वो ऑटो में बैठी उन तीनों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी थी. जब उसने उनको रोकने की कोशिश की, तो उसकी 9 महीने की बच्ची रोने लगी, जिसके बाद उन लोगों ने उसकी मासूम बच्ची को ऑटो से बाहर फेंक दिया.

India Today में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, जब इस घटना की छानबीन शुरू की गयी, तब ये पता चला कि जब महिला के पति ने 30 मई को पुलिस को इस घटना की सूचना दी और शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो पुलिस ने पीड़िता को अपना स्टेटमेंट मानेसर में दर्ज कराने के लिए बोला.

पुलिस के इस रवैये के बाद महिला को अपनी मासूम बच्ची के शव को अपने मायके ले जाने के लिए मेट्रो से जाने के लिए मजबूर किया गया. किसी तरह वो मानेसर पहुंच पायी. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वो अपनी बच्ची की लाश को लेकर मेट्रो से पहले दिल्ली स्थित एम्स पहुंची और फिर मेट्रो से ही गुड़गांव गई थी. लेकिन वहां पर पुलिस ने केवल हत्या के तहत मामला दर्ज किया. जबकि महिला के साथ हुए बलात्कार के आरोपों को तब मामले में जोड़ा गया, जब महिला ने जून 3 को दोबारा से शिकायत दर्ज कराई.

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पुलिस ने पहले कहा था कि महिला ने शुरुआत में केवल यही बताया था कि आरोपियों ने उसकी बच्ची को ऑटो रिक्शा से बाहर फेंक दिया था. हालांकि, बाद में उसने उन्हें बताया कि उस तीन लोगों ने उसका बलात्कार भी किया था.