कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है. इस ख़तरनाक वायरस के चलते देश के राज्यों ने कर्फ़्यू और लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है.  

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31 मार्च तक देशभर में सभी हवाई सेवाओं के साथ ही रेलवे और परिवहन निगम जैसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं. बिहार और बंगाल से जो दिहाड़ी मज़दूर दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में रोज़गार की तलाश में गए हुए थे. सरकार के इस फैसले के बाद वो जहां थे वहीं फंस गए हैं. ऐसे में उनका हाल चाल जानने उनकी सुद लेने वाला कोई नहीं है.   

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रिक्शा, ऑटो, बस और रोजमर्रा के छोटे मोटे काम करने वालों के पास कोई काम नहीं है. सड़क पर चोरी छिपे ऑटो रिक्शा निकालते भी हैं तो पुलिस 1000-500 रुपये का चालान कर देती है या फिर गाड़ी बंद कर देती है. ऐसे में दूसरे राज्यों से आए इन ग़रीब व दिहाड़ी मज़दूरों के सामने अब खाने-पीने की समस्या भी खड़ी हो गई है.  

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इस समय देशभर के ग़रीबों के सामने ‘कोरोना’ से बड़ी समस्या ‘भूखे सोना’ है. लेकिन किसी को इससे क्या फ़र्क पड़ता है, कोई ग़रीब मरे तो मरे. सरकारें लोगों से सिर्फ़ कोरोना से बचने की अपील कर रही हैं. भूख से तड़पते ग़रीबों का क्या? क्रोरोना का ख़तरा न होता तो ये ग़रीब मज़दूर किसी गुरुद्वारे में जाकर अपनी भूख मिटा लेते थे अब तो गुरुद्वारे भी बंद हैं. ऐसे में जाएं तो कहां जाएं? केंद्र और राज्य सरकारें न सिर्फ़ कोरोना को लेकर बल्कि ग़रीबों की इस समस्या को हल करने में भी असफल साबित हो रही हैं.  

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हालांकि, कोरोना वायरस के इस कहर के बीच कर्नाटक, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार ही ग़रीबों को फ़्री भोजन देने का ऐलान कर पाई हैं.  

कर्नाटक सरकार ने क्या ऐलान किये हैं?

येदयुरप्पा सरकार ने राज्य के कई ज़िलों में लॉक डाउन के बाद इंदिरा कैंटीन के ज़रिए ग़रीबों के लिए फ़्री भोजन देने का ऐलान किया है. इस दौरान ग़रीबों को सबह से लेकर रात तक फ़्री खाना दिया जाएगा. जबकि बीमार और ज़रुरतमंदों को भी 5 रुपये में लंच और 10 रुपये में डिनर देने का ऐलान किया है.  

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दिल्ली सरकार ने क्या ऐलान किये हैं?

दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली के 72 लाख ग़रीबों को 7.5 किलो राशन मुफ़्त देगी. 8.5 लाख लोगों को 4 से 5 हज़ार रुपए पेंशन देगी. नाइट शेल्टरों में मुफ़्त खाने की व्यवस्था शुरू की है. कोई भी व्यक्ति यहां जाकर खाना खा सकता है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने लोगों से अपने घरों में करने वालों को पेड-लीव देने की अपील भी की है.  

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यूपी सरकार ने क्या ऐलान किये हैं?

रेहड़ी, खोमचे वालों, मनरेगा के मजदूरों, अंत्योदय कार्ड धारकों आदि के लिए राहत पैकेज की घोषणा प्रदेश सरकार पहले से कर चुकी है. दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों को एक निश्चित धनराशि RTGS के माध्यम से भेजी जाएगी जिससे मज़दूरों के परिवारों का भरण-पोषण हो सके. कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए लगने वाला ख़र्चा यूपी सरकार की ओर से वहन किया जाएगा  

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राजस्थान सरकार ने क्या ऐलान किये हैं?

‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ से जुड़े 1 करोड़ से अधिक परिवारों जिनको 1 या 2 रुपये प्रतिकिलो गेहूं मिलता है, उन्हें मई महीने तक गेहूं मुफ़्त दिया जाएगा. शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर, दिहाड़ी मज़दूरों और ऐसे ज़रूरतमंद परिवारों जो NFSA की सूची से बाहर हैं, उनको 1 अप्रैल से 2 महीने तक आवश्यक खाद्य सामग्री के पैकेट निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. ये पैकेट जिला प्रशासन, नगरपालिकाओं के सहयोग से उपलब्ध कराए जाएंगे. 

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उत्तराखंड सरकार ने क्या ऐलान किये हैं?

राज्य सरकार के अंतर्गत रजिस्टर्ड हर मज़दूर के खाते में 1000 रुपये ट्रांसफ़र किए जायेंगे ताकि उन्हें खाने-पीने की दिक्कत न हो. प्रदेश में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित करने के साथ ही सभी ज़रूरतमंदों के खाद्यान्न और स्वास्थ्य ज़रूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. ज़रूरत पड़ने पर घर-घर जाकर खाद्यान्न व दवाइयां पहुंचाई जाएंगी.  

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मध्य प्रदेश सरकार ने क्या ऐलान किये हैं? 

मध्य प्रदेश सरकार ने ग़रीब परिवारों को भोपाल और जबलपुर ज़िलों में उचित मूल्य की दुकानों से इस महीने वितरित होने वाला राशन मुफ़्त दिए जाने के निर्देश.

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जानकारी दे दें कि दुनियाभर के 179 देशों में अब तक 392,159 लोग ‘कोरोना वायरस’ की चपेट में आ चुके हैं. इस वायरस से अब तक क़रीब 17,138 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, 102,850 लोग ऐसे भी हैं जो इस ख़तरनाक वायरस को मात दे चुके हैं.