A Soldier Is Never Off Duty
ऐसी ही मिसाल एक पूर्व सैनिक ने भी पेश की है. करीब 40 साल पहले ‘भारतीय वायु सेना’ से रिटायरमेंट ले चुके 74 वर्षीय सी.बी.आर. प्रसाद ने रक्षा मंत्रालय को 1.08 करोड़ रुपए दान के रूप में दिए हैं. उन्होंने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ये चेक सौंपा. प्रसाद इसे देश के प्रति अपना कर्तव्य मानते हैं.
Delhi: CBR Prasad, a former Airman in Indian Air Force, donated Rs 1.08 Crore to the Defence Ministry today; he handed over a cheque to Defence Minister Rajnath Singh. He says, “I worked for 108 months in Air Force, so as a return gift I wanted to give Rs 1.08 Crore to defence.” pic.twitter.com/lsaHkkSax1
— ANI (@ANI) July 15, 2019
दरअसल, सी.बी.आर. प्रसाद ने 9 साल की सर्विस के बाद वायु सेना से रिटायरमेंट ले लिया था. इसके बाद उन्हें रेलवे से नौकरी का ऑफ़र मिला, लेकिन उन्होंने ये नौकरी भी नहीं की. वो कुछ अलग करना चाहते थे. इसके बाद उन्होंने अपना ख़ुद का बिज़नेस शुरू किया.
बिजनेस के साथ की समाज सेवा
बिज़नेस करने के पीछे प्रसाद का एक ख़ास मकसद था. वो अधिक से अधिक पैसा कमाकर देश और ग़रीबों की मदद करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने एक पोल्ट्री फ़ार्म खोला. वो पिछले 30 साल से बिज़नेस के साथ-साथ समाज सेवा कर रहे हैं. ज़रूरतमंदों के लिए उन्होंने एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी खोली है.
ANI से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि ‘मैंने अपनी सभी ज़िम्मेदारियां निभा ली हैं. ज़िंदगी भर की कमाई में से बेटी को 2 फ़ीसदी जबकि पत्नी को 1 फ़ीसदी पैसा दे दिया है. मुझे लगा कि देश की रक्षा के लिए कुछ करना चाहिए, इसलिए मैंने बाकी बचा हुआ 97 फ़ीसदी पैसा देश के ख़ातिर दान कर दिया.
सी.बी.आर. प्रसाद के इस बड़े फैसले के बाद राजनाथ सिंह ने प्रसाद से पूछा कि दान करने का फैसला क्यों किया?
इस पर प्रसाद ने बताया कि, जब वो वायुसेना में नौकरी कर रहे थे, तब कोयंबटूर में महान इंजीनियर जी.डी नायडू चीफ़ गेस्ट बनकर आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि ‘भारत एक महान देश है. हमारी सोच दूसरे देशों के लोग से अलग है. हमें पारिवारिक ज़िम्मेदारी निभाने के बाद देश और समाज की सेवा करना चाहिए’. उन्हें की बातों से प्रेरित होकर प्रसाद ने ये फैसला लिया.
‘मैं ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहता था, लेकिन ये हो न सका. बस यही कारण था कि मैंने 100 एकड़ में फैले एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की. ताकि वहां ज़रूरतमंद बच्चों को ट्रेनिंग दी जा सके. अब मैं लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग 2 स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलना चाहता हूं.
74 वर्षीय सी.बी.आर. प्रसाद की इस नेक पहल को हमारा सलाम.