सोशल मीडिया पर आज ये तस्वीर काफ़ी वायरल हो रही है. वायरल हो रही ये तस्वीरें भले ही आपको साधारण सी लगें, लेकिन इनके पीछे की सच्चाई जान आप हैरान रह जायेंगे.
साइंस एंड टेक्नोलॉजी के इस दौर में हर देश एक दूसरे से आगे निकलना चाहता है. रविवार को ‘संयुक्त अरब अमीरात’ ने भी जापान की मदद से अपने पहले ‘मंगल मिशन’ की शुरुआत कर दी है.
भारत आज भले ही एक सेलेटाईट लॉन्चिंग देश बन गया हो, लेकिन इस बीच भारत के केरल से एक ऐसी संवेदनशील तस्वीर सामने आई है. जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा.
दरअसल, केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित ‘विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र‘ में किसी महत्वपूर्ण मिशन के लिए साल 2019 में एक ‘एयरोस्पेस हॉरिजॉन्टल आटोक्लेव’ (Aerospace Horizontal Autoclave) उपकरण डिलीवर होना था, लेकिन ये उपकरण आज पूरे 1 साल बाद आज तिरुवनंतपुरम पहुंचा है.
Kerala: A truck, carrying an aerospace horizontal autoclave for delivery to Vikram Sarabhai Space Centre in Thiruvananthapuram, reached the city today a year after starting from Maharashtra. Staff say, “Started in July 2019 & travelled across 4 states. Hope to deliver this today” pic.twitter.com/XNaCjXa1C3
— ANI (@ANI) July 19, 2020
इस दौरान हैरानी की बात ये रही कि, भारतीय स्पेस मिशन के इस महत्वपूर्ण उपकरण को महाराष्ट्र से केरल तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचाया गया. 9 जुलाई 2019 में महाराष्ट्र से डिलीवर के लिए निकला ये उपकरण 4 राज्यों की यात्रा करते हुए पूरे 1 साल बाद आज तिरुवनंतपुरम शहर पहुंचा है.
बता दें कि इस भरी भरकम ट्रेलर में 78 टन वजनी स्पेस संबंधित उपकरण लदा हुआ है. 32 पहिए वाले ट्रेलर के साथ सुरक्षा के लिहाज से 1 पुलिस वाहन भी साथ चलती रही. इस दौरान इस ट्रेलर के कर्मचारियों को रास्ते में कई तरह की दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा. कई पेड़ों को काटा गया, खंभों को हटाया गया और उन रास्तों की मरम्मत करवाई गई, जहां से ट्रेलर गुजरने वाला था.
‘विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर’ के एक अधिकारी ने बताया कि, इस मशीन को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है. इसलिए इसे इतने बड़े ट्रक से लाने का सोचा गया.
ये ट्रक इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि इसमें कुल 38 पहिए हैं साथ ही ये 1700 किमी का सफ़र तय करके आज केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) पहुंचने वाला है.