ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद को विश्व धरोहर शहर घोषित कर दिया गया है. पोलैंड के Karkow शहर में हुई यूनेस्को की 41वीं बैठक में 8 जुलाई को अहमदाबाद को ये ख़िताब दिया गया. ये पहली बार है ,जब भारत के किसी शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित किया गया है.

UNESCO ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर के इस बात की घोषणा की.

तुर्क, लेबनन, ट्यूनिशिया, पेरु, कज़ाकिस्तान, पुर्तगाल, जमैका, विएतनाम, तंज़ानिया, फ़िनलैंड, अज़रबैजान, जिमब्वॉब्वे, क्रोशिया, अंगोलम, क्यूबा, दक्षिण कोरिया और पोलैंड जैसे 20 देशों के समर्थन से अहमदाबाद का चुनाव का किया गया है.

इस शहर में हिंदू, मुस्लिम और जैन धर्मों के लोग एक साथ बसे हैं. यहां के स्मारकों के बेहतरीन आर्किटेक्चर की वजह से भी इसे चुना गया है.

15वीं सदी में सुल्तान अहमद शाह द्वारा बसाया गया अहमदाबाद, साबरमती नदी के पूर्वी तट पर बसा है. इस शहर में आर्किटेक्चर के बेहतरीन नमूने हैं, जैसे भद्रा गढ़ा, किले, यहां कई मस्जिदें और मकबरें भी हैं. इसके अलावा, कई ख़ूबसूरत हिंदू और जैन मंदिर भी यहां स्थित हैं. यह शहर पिछले 60 सालों से गुजरात की राजधानी है.

माना जाता है कि अहमदाबाद शहर की स्थापना करीब 600 वर्ष पहले अहमद शाह ने की थी. शहर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 26 ढांचे हैं. इस उपलब्धि का श्रेय शहर में रहने वालों को भी जाता है, जिन्होंने 600 साल पुरानी नक्काशियों और कलाकृतियों को अब तक सुरक्षित रखा है.

अहमदाबाद के साथ दिल्ली और मुंबई शहर भी इस रेस में थे. अहमदाबाद को ये ख़िताब दिया जाना न्यायसंगत है, क्योंकि ये शहर भारत की एकता को बहुत अच्छे से दिखाता है. यूनेस्को द्वारा इस शहर का चुना जाना यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.