आज कल नेताओं के बयानों में अगर देश और सेना का ज़िक्र न हो, तो बयान शायद अधूरे होंगे. सेना की काबीलियत पर सवालिया निशान लगाना या उनके कन्धों पर बंदूक रख कर सत्ता को घसीटना, आज की राजनीति है. कल यानि बुधवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ऐसी ही बयानबाज़ी की.
अखिलेश ने कहा कि ‘देश के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश यहां तक कि दक्षिण भारत के कई सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है, पर क्या कोई बता सकता है कि गुजरात के किसी सैनिक ने ऐसा किया हो?’
UP, Madhya Pradesh, Dakshin Bharat har jagah se shaheed huye hain, Gujarat ka koi jawan shaheed hua ho toh batao: Akhilesh Yadav pic.twitter.com/1eN85HemJh
— ANI UP (@ANINewsUP) May 10, 2017
अखिलेश जो कि एक नेता से ज़्यादा युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, उनकी ऐसी बयानबाज़ी से न सिर्फ़ देश के जवान और उनके परिवार आहत हुए हैं, बल्कि उनके समर्थक भी. अखिलेश ने ये बयान तब दिया, जब लेफ्टिनेंट उमर फैयाज़ के अपहरण और मारे जाने पर देश अफ़सोस जता रहा था. उमर कश्मीर एक शादी में शामिल होने आए थे, जहां कश्मीरी आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर हत्या कर दी थी. इसकी प्रतिक्रिया में देशभर के नेताओं और लोगों ने अखिलेश की आलोचना की. #AkhileshInsultsMartyrs ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा और मीडिया ने माफ़ी मांगने का बात की.
We demand an apology from Akhilesh Yadav for his dirty comment that attempts to politicise the blood of our Martyrs. #AkhileshInsultsMartyrs
— Republic (@republic) May 10, 2017
There may or may not be a martyr from Gujarat but there is definitely a juvenile delinquent in Uttar Pradesh called Akhilesh Yadav
— Mohan Sinha (@Mohansinha) May 10, 2017
‘Jawans’ belong to the entire Nation,not to States.Instead of unfortunate spins to garnerTRP’s,pl question the Govt on lax National Security
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) May 10, 2017
गुजरात के शहीदों के परिवार भी आए सामने
इस बयान के बाद गुजरात के शहीदों के परिवार को खास ठेस पहुंची है. दैनिक पत्रिका अहमदाबाद मिरर ने इन शहीदों के परिवार से मिलकर उनकी प्रतिक्रिया ली.
मुकेश राठौड़ 1999 में करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे.

उनकी पत्नी राजश्री ने कहा कि-
अखिलेश का बयान हमारे लिए दिल तोड़ने वाला है. हमने जब से इस बयान के बारे में सुना है, तब से इस बारे में बात कर रहे हैं. शहीद किसी एक राज्य के नहीं, पूरे भारत देश के होते हैं. किसी जवान को खोना किसी एक राज्य विशेष की नहीं पूरे देश की क्षति होती है.’ मुकेश की मां का कहना है जिसने अपना बेटा, पति या पिता खोया हो वो ही इस दर्द को समझ सकता है. मुकेश गुजरात के उन 13 लागों में से, जिन्होंने करगिल युद्ध के दौरान अपनी जान की परवाह नहीं की थी. हमरे दुख की तुलना अखिलेश जैसे नेताओं के बयानों से नहीं की जा सकती.
1987 में नीलेश सोनी सियाचिन ग्लेशियर में पाकिस्तानी सेना से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. उनकी 65 वर्षीय भाई जगदीश सोनी कहा कि-
मेरे लिए यह देखना बहुत दुखद है कि शहीदों को भी राज्यों में बांटकर देखा जा रहा है. मुझे ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव को गुजरात के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है ,इसलिए उन्होंने ऐसा बेतुका बयान दिया है.
मेजर रुषिकेश रमानी कुपवाड़ा में आतंकवादियों पर हावी होते हुए शहीद हो गए थे.

उनकी मां का कहना है कि-
मैंने रुषिकेश को जन्म दिया था, लेकिन भारत माता ने उसकी परवरिश की. मां अपने बच्चों के बीच राज्य, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती हैं. अखिलेश ने राजनीतिक कारणों से कह दिया कि गुजरात से कोई शहीद नहीं हुआ है. मैं उन्हें 10 ऐसे गुजरात के जवानों के नाम बता सकती हूं जो देश के लिए शहीद हुए हैं. इन परिवारों ने अपना बेटा, भाई, दोस्त, पति खोया है. अखिलेश जी को ऐसा बयान देने से पहले कम से कम एक बार आंकड़ें तो चेक कर लेना चाहिए था.
लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया इस साल जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.

इस पर उनके पिता का कहना है कि-
अखिलेश को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल कर दिया गया है. ऐसा लग रहा है कि वो अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. वो अपने भड़काने वाले बयानों के ज़रिए देश को बांटना चाहते हैं. एक आदमी जो अपने पिता का नहीं हो सका, वो देश का बेटा क्या होगा? उत्तर प्रदेश में उन्होंने हिंदू और मुस्लिमों को बांटा. ऐसे ही ठाकुरों, ब्राह्मणों और राजपूतों को बांटा. इसी बांटने वाली राजनीति के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया. उन्होंने पूर्व में गुजरात के गधे के बारे में बात की थी और आज साबित कर दिया है कि उनके पास एक गधे के बराबर भी दिमाग नहीं है.’
एयरफ़ोर्स के रिटायर्ड ऑफ़िसर नरेंद्र देसाई कहते हैं-
अखिलेश यादव ने जो कहा वह बेवकूफ़ी की हद है. शहीद सिर्फ़ शहीद होता है भले ही वह यूपी, बिहार या कहीं और का हो. यह बहुत घृणित बयान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता चाहे यह कोई आम आदमी कहे या फिर कोई पूर्व सीएम.’ उन्होंने बताया कि विजयवाड़ा के नजदीक सबरकांता ज़िले के कोडियावाड़ा में 6500 की जनसंख्या में 1,200 से अधिक लोग भारतीय सेना में हैं.