उत्तर प्रदेश में चुनावों की सरगर्मियां अपने ज़ोरों पर हैं. हर दिन नेताओं को कोई न कोई बयान मीडिया की सुर्ख़ियों में छा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में भी ज़बानी जंग दिखाई दे रही है. दोनों बिना एक-दूसरे का नाम लिए खिंचाई करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दे रहे. इसी ज़बानी जंग के दौरान अखिलेश यादव ने एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि ‘मैं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से अपील करुंगा कि वे गुजरात के गधों का विज्ञापन न करें.’ बहुत से लोगों को लगा कि अखिलेश का ये निशाना प्रधानमंत्री की तरफ़ है.

दरअसल अमिताभ बच्चन, गुजरात पर्यटन के ब्रांड अम्बेसडर हैं, जो एक विज्ञापन में गुजराती गधों के बारे में बताते हुए लोगों से वहां घूमने-फिरने की अपील करते हुए दिखाई देते हैं.

पर सवाल ये है कि जिस जंगली गधे के बारे में अमिताभ बच्चन और अखिलेश यादव बात कर रहे हैं, वो आखिर है क्या?

कभी पश्चिमी भारत से ले कर दक्षिणी पाकिस्तान तक में पाया जाने वाला ये गधा आज सिर्फ़ गुजरात के कच्छ समेत सुरेंद्रनगर, बनासकांठा, मेहसाणा में ही रहा गया है.

स्थानीय भाषा में इस गधे को गुड़खर कहा जाता है. 2016 में इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कंज़रवेशन ऑफ़ नेचर इसे ख़तरे के क़रीब बता चुकी है. इस गधे को आप घोड़े के काफ़ी करीब भी रख सकते हैं, क्योंकि इसकी ऊंचाई एक मीटर और लंबाई दो मीटर तक होती है. इसके साथ ही ये 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से भाग सकता है.

खैर, राय बरेली में अखिलेश जिस गधे के बारे में बात कर रहे थे, उसका इस गधे से कोई लेना देना नहीं है.