भारत में पिछले एक दशक में शराब की ख़पत में ख़ासा बढ़ोतरी देखी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मना में TU Dresden के शोधकर्ताओं ने साल 2019 में एक स्टडी में पाया कि 2010 से 2017 के बीच, भारत में शराब की खपत 38 फ़ीसदी तक बढ़ गई है.

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रिसर्च के मुताबिक़, ये मात्रा हर साल 4.3 से 5.9 लीटर प्रति व्यक्ति (वयस्क) रही है. इस दशक में होमग्रोन व्हिस्की और जिन लेबल में भी उछाल देखा गया और साथ ही पाया गया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों ने अपने पेय विकल्पों और ख़पत पैटर्न को काफ़ी बदल दिया है.

हाल ही में Hindustan Times ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि देशभर में पुरुषों और महिलाओं में शराब पीने को लेकर उत्साह बढ़ा है. ये निष्कर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर निकाला गया था. 

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इस सर्वेक्षण के अनुसार, असम में महिलाएं देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में अधिक शराब का सेवन करती हैं. मंत्रालय के 2019-20 के आंकड़ों से पता चला है कि, ‘असम में 15-49 वर्ष की आयु वर्ग की 26.3% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक है.’

ख़ासतौर से 2019 में कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग (CADD) द्वारा आयोजित एक अन्य सर्वेक्षण में दिल्ली में पुरुषों और महिलाओं और उनके पीने की आदतों का जायज़ा लिया गया था. इसमें चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए थे, जिसके मुताबिक, ‘ज़्याद महिलाएं शराब पी रही हैं – और महिलाएं ज़्यादा पी रही हैं.’

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दिलचस्प बात ये है कि महिलाएं न सिर्फ़ ज़्यादा शराब पी रही हैं, बल्कि कई बड़े ब्रांड्स को लीड भी कर रही हैं. हाल ही में, देवर के मास्टर ब्लेंडर स्टेफ़नी मैकलेड को अंतर्राष्ट्रीय व्हिस्की प्रतियोगिता के 2020 एडीशन में ‘मास्टर ब्लेंडर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया है.