नागरिकता संशोधन क़ानून(CAA) और NRC के विरोध में देशभर के कई राज्यों में सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है. इसके मद्देनज़र शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा-144 लागू कर दिया गया है.
क्या है धारा 144?
भारतीय दंड संहिता के अनुसार शांति व्यस्था कायम करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इसके लिए ज़िला मजिस्ट्रेट नोटिफ़िकेशन जारी करता है. इसके दौरान सार्वजनिक स्थल पर तीन से ज़्यादा लोग समूह बना कर नहीं खड़े हो सकते हैं. साथ ही साथ धारा 144 लगे हुए स्थान पर हथियारों को ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है.
नियम तोड़ने की सज़ा
धारा के नियमों का उल्लंघन करने वाले को पुलिस गिरफ़्तार करने का हक़ रखती है. उसे धारा 107 और 151 के तहत सज़ा दी जा सकती है. इसमें अधिकतम तीन साल की क़ैद का भी प्रावधान है, यह एक ज़मानती अपराध है.
धारा 144 के दौरान नागरिक अधिकार क्या हैं?
1. CRPC के धारा 550(1) के तहत गिरफ़्तारी की वजह जानने का अधिकार.
2. CRPC धारा 57 के अनुसार, गिरफ़्तार किए व्यक्ति को पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने 24 घंटे के भीतर पेश करेगी.
3. महिला को सिर्फ़ महिला पुलिस अधिकारी ही गिरफ़्तार कर सकती है.
4. गिरफ़्तारी करते वक़्त विरोध करने पर पुलिस बल का प्रयोग कर सकती है.
5. गिरफ़्तार किए व्यक्ति को अपने वक़ील से बात करने की इजाज़्त दी जाती है.
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