अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले से पूरा देश आक्रोशित है. ये हमला 10 जुलाई की शाम 7 बजे करीब कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में हुआ था. 60 श्रद्धालुओं से भरी इस बस के 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. ये हादसा कुछ और ख़तरनाक हो सकता था, अगर बस ड्राइवर सलीम अपने सूझबूझ न दिखाता तो.

उस बस से यात्रा करने वाले गुजरात के योगेश प्रजापति ने ANI से बाताया कि-
हम शाम 5 बजे चले थे. करीब दो घंटे की यात्रा के बाद, अनंतनाग से 2 किलोमीटर आगे बस पंचर हो गई. जैसे ही हम चलने वाले थे, सामने से गोलियां चलनी शुरू हो गईं. हमारे ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस भगाई और मिलेट्री कैम्प तक बस ले गया. आर्मी ने हम सबको बचा लिया, लेकिन हमारे साथ चल रहे सात लोगों की मौत हो गई. ये एक करिश्मा है कि हम सब ज़िन्दा हैं.
He called me up around 9:30 pm informing about firing on the vehicle: Javed Mirza, Cousin of Saleem (driving the bus attacked by terrorists) pic.twitter.com/FV9I8Njy9M
— ANI (@ANI_news) July 11, 2017
He told me that he did not stop there when terrorists fired, only looked for a safer spot for pilgrims:Javed,Cousin of Saleem #AmarnathYatra pic.twitter.com/GPW0EwBThG
— ANI (@ANI_news) July 11, 2017
इस हमले में सलीम भी घायल हुआ था, लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और बस को सुरक्षित स्थान तक ले गया. हमले के बाद ये सारी बात सलीम ने अपने घर फ़ोन कर के बताई.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, ये बस अमरनाथ बोर्ड में रजिस्टर नहीं थी और यात्रा के लिए निर्धारित समय के बाद चल रही थी. दूसरी तरफ़ जम्मू कश्मीर पुलिस से इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया है और इसका मास्टर माइंड अबू इस्माइल है.