प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह देश को संबोधित करते हुए कहा था कि 20 अप्रैल तक हर ज़िले, क़स्बे और गांव के हालात की समीक्षा करने के बाद इन इलाकों में शर्तों के साथ लॉकडाउन से राहत दी जाएगी. 

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पिछले 25 दिन से जारी लॉकडाउन अभी समाप्त नहीं होने जा रहा है, लेकिन 20 अप्रैल से संक्रमण के प्रभाव से मुक्त कई जगहों पर कुछ ज़रूरी सेवाएं जारी करने की छूट दी है. 

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सरकार ने कोरोना वायरस संकट के बीच लोगों को हो रही दिक्कतों को कम करने के लिए कुछ ज़रूरी सेवाएं और कामकाज सुचारू करने के लिए अनुमति देने का फैसला लिया है. ये सेवाएं और गतिविधियां कोरोना से अप्रभावित इलाकों या न्यूनतम प्रभावित इलाकों में चल सकेंगी. 

बीते शनिवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर इन सेवाओं और गतिविधियों से जुड़ी एक लिस्ट जारी की है. हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमित इलाकों में इन गतिविधियों की इजाज़त नहीं होगी- 

कृषि एवं पशुपालन के कार्य भी आरंभ होंगे. 


स्वास्थ्य समेत सभी आयुष सेवायें सुचारु रहेंगी.

केंद्र और राज्य सरकारों के दफ़्तर भी खुल जाएंगे.

निर्माण क्षेत्र के कामकाज को शुरू करने की अनुमति भी होगी.

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे कुछ निजी संस्थान भी खुलेंगे.

वित्तीय एवं सामाजिक कार्यों वाले ऑफ़िस व छोटे लॉज भी खुलेंगे.

मछली पकड़ने (समुद्री और अंतर्देशीय) का कार्य भी चालू कर दिया गया है.

सभी राज्यों के बीच और राज्य के अंदर माल ढुलाई की इजाज़त दे दी गई है.

बिजली-पानी-गैस जैसी सार्वजनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति होती रहेगी.

वृक्षारोपण (चाय, कॉफ़ी और रबर बागान में अधिकतम 50 प्रतिशत मज़दूर) के कार्य भी किए जा सकेंगे.

मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की अनुमति होगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना और मास्क पहनना होगा. 

ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति और स्वच्छता, बिजली लाइनों, दूरसंचार ऑप्टिकल फ़ाइबर और केबलों के बिछाने के कार्य की भी इजाज़त होगी.

अनुसूचित जनजातियों द्वारा उत्‍पादित किये जाने वाले नारियल, मसाला, बांस और कोको के बागान को भी इस सूची में शामिल किया गया है. 

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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि इन गतिविधियों को मंज़ूरी देने का मतलब जनता की दिक्कतों को कम करना है, लेकिन मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन करने पर ही इन चीजों की अनमुति होगी. सरकार ने राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों को दफ़्तरों, कार्यस्थलों और कारखानों में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. 

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इसके साथ ही रविवार को गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ़ ज़रूरी सामानों की बिक्री ही कर सकती हैं. इससे पहले कहा गया था कि मोबाइल, टीवी, रेफ़्रिजरेटर, लैपटॉप, कपड़े और स्कूली बच्चों के लिए स्टेशनरी जैसे अन्य आइटम अमेजन, फ़्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से कर सकेंगे.