शशि थरूर अपने भारी-भरकम अंग्रेज़ी वाले Tweets के लिए जाने जाते हैं, या यूं कहें कि बदनाम हैं. उनका हर ट्वीट आपको डिक्शनरी खोलने के लिए मजबूर कर देता है. लेकिन इस बार उनका ट्वीट अलग है. जानने के बाद आपका दिल भी शायद भर आए.

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न्यूज़ीलैंड के Auckland में लेखकों का एक सम्मेलन चल रहा था, अपने शशि थरूर भी वहां गए थे. एक सत्र में कुछ गिने-चुने लेखकों को 7 मिनट के भीतर एक ‘सच्ची कहानी’ सुनाने के लिए आमंत्रित किया गया. शशि थरूर ने जलियांवाला बाग की घटना सबको सुनाई.

कुछ देर बाद किताबों पर ऑटोग्राफ़ लेने आए एक युवक ने धीरे से शशि थरूर को स्लिप थमा दी. क्या लिखा था उस नोट में?

‘मैं जन्म से एक ब्रिटिश हूं और मैं मांफ़ी मांगता हूं.’

लोगों ने उस ब्रिटिश नौजवान के इस कदम की काफ़ी तारीफ़ की…

जैसे उस ब्रिटिश नौजवान ने अपने देश की ग़लती के लिए मांफ़ी मांगी. क्या आपको लगता है कि इंग्लैंड को भी भारत से जलियांवाला बाग कांड के लिए मांफ़ी मांगनी चाहिए?