सदियों से लोग अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ आ रहे हैं, जिसका नतीजा ग्लोबल वॉर्मिंग के रूप में सामने आ रहा है. जिस तेज़ी से जंगलों का सफाया हो रहा है, उसको देखकर तो यही लगता है कि आने वाले समय में पृथ्वी पर हरियाली ही ख़तम हो जायेगी. जहां लोग पेड़ काटने पर तुले हुए हैं, वहीं एक विधायक उनको बचाने की कोशिश कर रहा है.

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जी हां, पेनमालूरु के विधायक बोदे प्रसाद ने उस समय लोगों का दिल जीत लिया, जब उन्होंने चार पुराने पीपल के पेड़ों को कटवाने से बचाने के लिए उसको दूसरी जगह लगवाया. इस काम के लिए उन्होंने किसी से भी पैसे नहीं लिए, बल्कि अपने पैसों से ही इन पेड़ों को लगवाया.

मूलत ये पेड़ विजयवाड़ा-मछलीपट्टनम राजमार्ग के किनारे स्थित थे. 60 किमी हाईवे के लिए सड़क का विस्तार करने के उद्देश्य से हज़ारों पेड़ों को पहले ही काटा जा चुका है. लेकिन प्रसाद ने इन पेड़ों को बचा लिया. इस बात के लिए प्रसाद का जितना शुक्रियादा किया जाए, कम होगा. उन्होंने इन चार पेड़ों को Tadigadapa पुल से पास स्थानांतरित करवा दिया था. इसके लिए उन्होंने क्रेन्स और मजदूरों का इंतज़ाम भी किया. बीते रविवार यानी कि 7 मई की रात को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से इस प्रक्रिया को पूरा किया गया. इस प्रक्रिया में 1 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आया, जिसे विधायक प्रसाद ने अपनी जेब से दिया.

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Deccan Herald के अनुसार, इन पेड़ों को जड़ से उखाड़ कर दूसरी जगह लगाने के लिए चार फ़ीट गहरा गड्ढा किया गया था, और ट्रक पर लाड कर इन पेड़ों को वहां तक लाया गया था. पेड़ों को दूसरी जगह ले जाने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था कि उनकी जड़ों को किसी तरह की कोई हानि न हो. इन पेड़ों को उखाडनेके बाद ट्रक पर लादकर Tadigadapa पुल के पास स्थित Bandar Canal Bund लाया गया और दोबारा से लगा दिया गया.

प्रसाद ने बताया, वो इन सभी पेड़ों को अपने बचपन से देखते आ रहे हैं. जब उन्होंने देखा कि पेड़ों को काटा जा रहा है, तो उन्होंने उनको बचाने का फैसला किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीपल, बरगद, Indian Beech (Kanuga) और Cluster Fig Trees (Juvvi) जैसे पेड़ों को दोबारा से उगाया जा सकता है, अगर उनकी जड़ें सुरक्षित हों.

The Logical Indian से बात करते हुए बोदे प्रसाद ने कहा, ‘पर्यावरण की सुरक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए.’ पैसे से ज्यादा, चिंता का विषय पेड़ों को बचाने का होना चाहिए. अपने खुद के घर में भी मैं प्रकृति और पर्यावरण को अत्यंत महत्व देता हूं. पीपल के पेड़ को बाकी पेड़ों की तुलना में काम पानी की ज़रूरत होती है. इस को आधार मानकर मैं अपने पर्यावरण का ध्यान रखने के वृक्षारोपण करता हूं और मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में इस आदत को बढा़ाना चाहता हूं.’