रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी को बीते रविवार को अलीबाग जेल से तलोजा जेल शिफ़्ट किया गया.  

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The Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक़, गोस्वामी जुडिशियल कस्टडी में फ़ोन का इस्तेमाल करते हुए पाए गए, जिसके बाद उन्हें ज़िला रायगढ़ के ही दूसरे जेल में शिफ़्ट करने का निर्णय लिया गया. गोस्वामी को पहले अलीगढ़ जेल के लिए बनाए गए कोविड सेंटर में रखा गया था.  

रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने पाया कि गोस्वामी किसी और के फ़ोन से सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. गोस्वामी का पर्सनल फ़ोन, पुलिस ने ज़ब्त कर लिया था. 

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तलोजा जेल के रास्ते में गोस्वामी ने पुलिस वैन से चिल्लाना शुरू किया और कहा कि बीते शनिवार रात को अलीबाग जेल के जेलर ने उसके साथ मार-पीट की है. गोस्वामी ने ये भी कहा कि उसकी ज़िन्दगी को ख़तरा है और उसे अपने वक़ील से भी बात करने नहीं दिया जा रहा.  

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गोस्वामी की पत्नी और रिपब्लिक टीवी की सीनियर एक्जे़केटिव, साम्यब्रता राय गोस्वामी ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि अर्नब को फंसाया जा रहा है और सारे चार्जेज़ फ़ेक हैं. 

स्टेटमेंट में साम्यब्रता ने कहा कि अर्नब बार-बार कह रहे थे कि जब अर्नब ने वक़ील से बात करवाने को कहा तब जेलर ने उनके साथ मार-पीट की, अर्नब को वक़ील से बात करने नहीं दिया गया. अर्नब हाथ जोड़कर सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि वे मामले पर संज्ञान ले और उन्हें ज़मानत दिलवाएं.  

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 पूर्व बीजेपी सांसद कीर्ति सोमाया ने कहा कि वो तलोजा जेल के जेलर से मिलीं हैं और जेलर ने आश्वासन दिया है कि अर्नब को हैरेस नहीं किया जाएगा और उन्हें मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी.