नोटबंदी के बाद मोदी सरकार एक बार फिर ब्लैक मनी पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का मन बना चुकी है. वित्तमंत्री अरूण जेटली ने 2017 का यूनियन बजट पेश करने के दौरान कहा कि अप्रैल 2017 से 3 लाख और उससे ऊपर की रकम के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
तीन लाख से ऊपर के लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने का ये फैसला सरकार ने एसआईटी की सलाह के बाद ही लिया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी ) का गठन किया था.
इस टीम की कमान जस्टिस एम बी शाह संभाल रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में शाह ने सुप्रीम कोर्ट को काले धन को खत्म करने को लेकर अपनी पांचवी रिपोर्ट सौंपी थी. एसआईटी ने अपनी इस रिपोर्ट में ये भी पाया था कि बड़ी मात्रा में लोगों के पास काला धन कैश के रूप में मौजूद है.
एसआईटी के अनुसार, कैश के लेन-देन को लेकर कोर्ट्स की कई रिपोर्ट्स को जांचने और कई देशों में ऐसे मामलों के प्रावधानों को जानने के बाद ही हमने ये महसूस किया कि कैश निकालने और लेन-देन पर एक निश्चित सीमा के बाद प्रतिबंध लगना ज़रूरी है.
इसी के तहत एक क़ानून का निर्माण किया जा रहा है. इस क़ानून के अनुसार, 3 लाख या उससे ज़्यादा की रकम के नकद लेन-देन को अवैध माना जाएगा और ऐसा करने वाला ला व्यक्ति सजा का पात्र होगा.
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद जहां केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपा रही थी, वहीं देश का एक बड़ा हिस्सा जबरदस्त परेशानियों से जूझ रहा था. हालांकि, नवंबर 2016 के बाद से परिस्थितियों में सुधार आया है, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार का नया फैसला आखिर कितना कामयाब होगा.
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