सड़कों पर कारों का लंबा-चौड़ा काफ़िला देखते ही कोई बच्चा भी बता देता है कि माननीय नेता जी की सवारी निकल रही है. एक विधायक भी दस ठोर गाड़ियों और गनर के साथ जनता को दर्शन देने निकलते हैं. लेकिन ऐसा सुनने को शायद ही कभी मिला हो कि कोई मुख्यमंत्री अपने राज्य की जनता से मिलने के लिए 11 घंटों में 24 किलोमीटर का पहाड़ी सफ़र पैदल तय कर पहुंचा हो.
जी हां, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. सीएम खांडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मुत्तो के लुगुथांग गांव में 14,500 फ़ीट की ऊंचाई पर रहने वाली एक खानाबदोश जनजाति के लोगों से मिलने के लिए 11 घंटों में 24 किलोमीटर का पहाड़ी सफ़र पैदल तय किया है.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, 41 वर्षीय सीएम महज़ एक सुरक्षा अधिकारी और कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर पहाड़ी इलाके से लुगुथांग पहुंचे, जो तवांग जिले में उनके निर्वाचन क्षेत्र मुत्तो में पड़ता है.
सीएम पेमा खांडू ने ट्विटर पर अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए लिखा, ‘एक 24 किमी का ट्रेक, 11 घंटे की ताज़ा हवा और प्रकृति मां का सबसे बेहतरीन स्वरूप. इस दौरान मैंने तवांग जिले में लुगुथांग (14,500 फीट) तक कारापू-ला (16,000 फीट) को भी पार किया. इस यात्रा ने एक स्वर्ग का एहसास कराया है.’
A 24 Kms trek, 11 hours of fresh air & Mother Nature at her best; crossing Karpu-La (16000 ft) to Luguthang (14500 ft) in Tawang district. A paradise untouched. @PMOIndia @HMOIndia @DefenceMinIndia @MDoNER_India @KirenRijiju @TapirGao @RebiaNabam @ChownaMeinBJP @TseringTashis pic.twitter.com/Jxh4Ymtv8K
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) September 10, 2020
दरअसल, मुख्यमंत्री के इस दौरे का मकसद इस बात की समीक्षा करना था कि सरकार की ओर से शुरू की गई योजनाएं वहां तक पहुंच रही हैं या नहीं.
महज़ 58 लोगों की आबादी वाला गांव
लुंगथांग गांव तवांग जिले की थिंग्बु तहसील में आता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की कुल आबादी 58 लोगों की है, जो 11 घरों में निवास करती है. ये गांव चीन और भूटान से सीमा साझा करता है. याक की देखभाल कर अपनी जीविका चलाने वाली इस खानाबदोश जनजाति के गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं है. यहां तक आने के लिए दुर्गम रास्तों से गुज़रना पड़ता है.
The New Indian Express को एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पहले कभी भी लुंगथांग में नहीं गए थे. इसलिए वो यहां आकर स्थानीय लोगों से मिले. सीएम खांडू ने एक ग्रामीण के घर पर दो रात बिताई और फिर 8 सितंबर को वापस लौटे.
इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों और तवांग मठ के भिक्षुओं के साथ अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू की याद में जांगछुप स्तूप के अभिषेक में भी हिस्सा लिया. दरअसल, 30 अप्रैल 2011 में लुगुथांग गांव के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. उनका शव दुर्घटनास्थल पर अन्य लोगों के साथ पाया गया था.