कहते हैं कि भूत के नाम से बड़े-बड़े तीस-मार-खां तक भाग खड़े होते हैं, तो आम इंसानों की क्या बिसात. कुछ ऐसा ही है अरुणाचल प्रदेश में. वहां मुख्यमंत्री आवास को अब प्रदेश अतीथि भवन में तब्दील कर दिया गया है. कारण वही है… भूत.
जी हां, प्रदेश के नेता और अधिकारी मानते हैं कि ये भवन भूतों का डेरा है और इसलिए ही वहां 7 अप्रैल को अलग-अलग धर्मों के गुरुओं ने प्रार्थना की. ये सोच कर कि वहां जो भी नेगेटिव एनर्जी है उसे बाहर भगाया जा सके.
प्रदेश की राजधानी के नीति विहार इलाके में बने इस बंगले के बारे में अफ़वाह है कि पिछले मुख्यमंत्री द्वारा की गई आत्महत्या के बाद कई तरह की भूतिया हरकतें महसूस की जा रही हैं. इस घटना के बाद एक कमरे से नौकर की लाश मिली थी, जो पंखे से लटक रही थी. यह वही कमरा था, जहां पूर्व- मुख्यमंत्री ने आत्महत्या की थी.
इस बंगले में काम करने वाले एक कर्मचारी ने भी यहां भूतिया हरकतों को महसूस किया है, लेकिन Planning and Urban Development मंत्री Nabam Rebia ने इस बात से साफ़ इंकार किया है. उनके हिसाब से ये कोरी अफ़वाहें हैं और जो पूजा की गई है वो हर साल कराई जाती है. इसमें कुछ नया नहीं है.
लेकिन वास्तु की जानकारी रखने वाले Rajkumar Jhanjhari ने अरुणाचल प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिख कर इसे वास्तु दोष बताया है. उनके हिसाब से यहां होने वाली घटनाएं वास्तु दोष के कारण हैं, न कि भूतों के कारण. उन्होंने लिखा की हर साल देश में लोग वास्तु दोष के कारण मारे जाते हैं और यही हालात मुख्यमंत्री आवास के हैं. इसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए, वरना ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ेगी.
साल 2007-08 में बने इस बंगले में करीब 59 करोड़ रुपये से ज़्यादा पैसे खर्च हुए थे. लेकिन अंधविश्वास के कारण मुख्यमंत्री के लिए बनाए गए इतने महंगे बंगले को प्रदेश अतिथि आवास में तब्दील कर देना कितना सही है, ये तो सरकार और अधिकारी ही बता सकते हैं.