पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के दिन भड़की सांप्रदायिक हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही. पिछले 4 दिनों से ये राज्य लगातार हिंसा की आग में सुलग रहा है. आसनसोल और रानीगंज में हुई हिंसा में नूरानी मस्जिद के इमाम मौलाना इम्दादुल रशीदी ने अपना पुत्र खो दे दिया. इस दौरान जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा कर अपना फ़ायदा देख रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर जवान बेटा खोने के बावजूद बूढ़े बाप ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है.

बताया जा रहा है कि इम्दादुल का बेटा 10वीं क्लास में पढ़ता था और बीते मंगलवार रामनवमी के मौके पर भड़की हिंसा के बाद वो अचानक से लापता हो गया. अगले दिन ख़बर मिली कि 16 साल के सिबतुल्ला की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.

सिबतुल्ला की मौत के बाद से मुस्लिम वर्चस्व वाले चंदमारी-रेलपर क्षेत्र में तनाव का माहौल है और बढ़ते तनाव को देखते हुए, मौलाना इम्दादुल ने सभी से शांति कायम रखने का अनुरोध किया है.

दुखी पिता ने कहा, ‘मेरा बेटा तो चला गया, लेकिन अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, तो शांत रहो. साथ ही किसी और के लिए परेशानी का कारण मत बनो.’

बता दें, पश्चिम बंगाल में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक चार लोगों की जान चुकी है, साथ ही कई लोग घायल भी हो चुके हैं. आंखों के सामने जवान बेटे को खोने का ग़म क्या होता है, ये सिर्फ़ एक पिता ही समझ सकता है. पर लोगों से शांति की गुज़ारिश करने वाले इस पिता ने बता दिया कि मज़हब से बड़ी इंसानियत होती है.